Chhath Puja 2023: आज से छठ पूजा के पर्व की शुरुआत हो चुकी है। 17 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार से छठ का पहला पर्व नहाय खाएं के साथ शुरु हो गया है। आज छठ पूजा के पहले पर्व नहाय खाय को विधिपूर्वक मनाया जाता है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन प्रत्येक वर्ष यह पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। लोक आस्था का यह पर्व सूर्य उपासना के साथ ही साथ मां छठी मैया को समर्पित है।
वैसे तो छठ पर्व से जुड़ी कई पौराणिक मान्यताएं हैं। लेकिन इसका सबसे ज्यादा महत्व महाभारत काल से जोड़ कर देखा जाता है। आइए जानते हैं आखिर इस छठ पर्व का उदगम कैसे हुआ और क्या है इसके पीछे की धार्मिक मान्यता।
द्रौपदी के व्रत से मिला था पांडवों को खोया हुआ राज्य
धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ पर्व के व्रत की शुरुआत को महाभारत काल से जोड़ कर देखा जाता है। एक बार जब पांडव जुआ खेलते समय अपना सारा राज्य हार गए थे। उस समय द्रौपदी ने सूर्य उपासना के साथ ही साथ व्रत का अनुष्ठान किया था। जिसके बाद पांडवों को उनका हारा हुआ राजपाठ वापिस मिल गया। तब से छठ पर्व का व्रत इतना महत्वपूर्ण हो गया और इस कारण महिलाएं अपने कुल की रक्षा और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए छठ पर्व पर कुल 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं।
कर्ण की उपासना से भी छठ पर्व को जोड़ कर देखा जाता है
महाभारत काल के वीर योद्धा कर्ण से भी छठ पर्व की मान्यता को जोड़ कर देखा जाता है। माना जाता है कि कर्ण सूर्य देव के परम उपासक थे। वह हर सुबह सूर्य देव को पानी में घंटो खड़े रहकर अर्घ्य दिया करते थे और उनका ध्यान करते थे। सूर्य देव कर्ण की उपासना से इतना प्रसन्न हुए कि उन पर अपनी विशेष कृपा बरसा दी और उनके आशीर्वाद से वह एक महान योद्धा बने।
छठ पर्व के महत्वपूर्ण दिन
- नहाय खाय - 17 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार
- खरना - 18 नवंबर 2023 दिन शनिवार
- छठ पूजा संध्या अर्घ्य - 19 नवंबर 2023 दिन रविवरा
- छठ पूजा उगते सूर्य को अर्घ्य - 20 नवंबर 2023 दिन सोमवार
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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