Chhath Puja Usha Arghya: आज छठ का चौथा और आखिरी दिन है। इस पावन अवसर पर व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। बता दें कि महापर्व में डूबते और उगते सूर्य की उपासना की जाती है। दोनों ही दिन नदी और तालाब के किनारे बने छठ घाट पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। छठ के आखिरी दिन को पारण कहा जाता है। आज व्रत रखने वाली महिलाएं भगवान भास्कर की पूजा करने के बाद प्रसाद या अन्न ग्रहण करती है। मालूम हो कि छठ में 36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास रखा जाता है।
आज प्रात:काल से लोग दऊरा या डाला सिर पर रखकर घाट की ओर प्रस्थान करते हैं। इसके बाद जब आसमां में सूरज की लालिमा बिखरती है तब व्रति महिलाएं जल में खड़े होकर हाथ जोड़कर सूर्यदेव से परिवार और संतान की खुशहाली, सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। इसके साथ ही छठ पूजा के सभी प्रसाद से दीनानाथ को अर्घ्य देती हैं। व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं मान्यता है कि छठ का व्रत करने से छठी मईया निसंतान दंपतियों की सूनी गोद जल्द भर देती हैं।
इन जगहों पर रहती है छठ महापर्व की धूम
छठ पूजा (Chhath Puja) मुख्य तौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाया जाता है। हालांकि बिहारी और पूर्वांचली लोगों की जनसंख्या अधिक होने के कारण अब दिल्ली,मुंबई और बंगाल में भी छठ पूजा धूमधाम से मनाया जाता है। इसके लिए राज्य सरकारें खास व्यवस्था भी करती है। जैसे नदी और घाटों की साफ सफाई और अन्य तैयारियां।
महापर्व छठ अब देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी धूमधाम से मनाया जाने लगा है।छठ पूजा के अवसर पर न्यू जर्सी, टेक्सास और मैसाचुसेट्स सहित यूनाइटेड स्टेट के कई स्थानों में बड़ी संख्या में भक्तों ने सूर्य को अर्घ्य दिया है।
ये भी पढ़ें -
Pradosh Vrat 2022: कार्तिक मास के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन धन प्राप्ति के लिए करें ये 5 उपाय
Shiv Nandi Katha: शिव जी के साथ इसलिए विराजित हैं नंदी, जानें ये पौराणिक कथा
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)