Tuesday, December 03, 2024
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Chhath Puja 2024 2rd Day Kharna: इस चीज के बिना अधूरी है खरना की पूजा, इसी दिन से शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला व्रत

Kharna 2024: छठ पूजा में खरना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसी दिन से व्रती महिलाओं का निर्जला उपवास प्रारंभ होता है। खरना के दिन बनने वाले प्रसाद को महाप्रसाद कहते हैं। तो आइए जानते है कि वो कौनसी चीज है जिसके बिना खरना की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Nov 04, 2024 20:22 IST, Updated : Nov 05, 2024 11:00 IST
Chhath Puja 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chhath Puja 2024

Kharna Puja 2024: चार दिनों तक चलने वाले महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना होता है। छठ पूजा में खरना का विशेष महत्व होता है। इसी दिन से व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। खरना के दिन बनने वाले प्रसाद को महाप्रसाद कहा जाता है। इसी प्रसाद को खाकर महिलाएं सबसे कठिन व्रत की शुरुआत करती हैं। इस साल 6 नवंबर 2024 को खरना मनाया जाएगा। खरना की पूजा इस चीज के बिना अधूरी मानी जाती है। तो अगर आप पहली बार छठ का व्रत रख रही हैं तो खरना प्रसाद और नियम के बारे में पहले से जरूर जान लें। 

इस चीज के बिना अधूरी है खरना की पूजा

खरना के दिन व्रती महिलाएं पूरा दिन निर्जला व्रत करती हैं और सूर्यास्त के बाद ही अन्न और जल ग्रहण करती हैं। खरना के दिन मिट्टी के चूल्हे पर चावल और गुड़ वाली खीर बनाया जाता है। इस खीर के बिना खरना की पूजा अधूरी मानी जाती है। खरना के दिन प्रसाद के रूप में खीर ही खाया जाता है। इसी खीर को खाकर महिलाएं अपना 36 घंटे का छठ का व्रत प्रारंभ करती हैं।  खरना के दिन  गड़ में बने हुए चावल की खीर खाने का विशेष महत्व है। खरना का अर्थ तन और मन का शुद्धिकरण बताया गया है। गुड़ चावल वाली खीर के अलावा खरना के प्रसाद में केला और रोटी भी रहता है। 

खरना के दिन इन बातों का रखें ध्यान

  • खरना के प्रसाद को साफ और नए बर्तन में ही बनाना चाहिए।
  • प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी का चूल्हा या नए और धुले हुए गैस/स्टोव का ही इस्तेमाल करें।
  • खरना की पूजा शुद्ध मन के साथ करें और फिर छठ व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान को खीर, रोटी और केले का भोग लगाएं।
  • इसके बाद पहले छठ का व्रती खरना का प्रसाद ग्रहण करें।
  • व्रती के प्रसाद ग्रहण करते समय सभी लोग शांत रहे।
  • व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य प्रसाद को खाएं।
  • खरना के दिन भूलकर भी नमक या अन्य तामसिक चीजों का सेवन न करें।
  •  छठ व्रत के दौरान व्रती को जमीन पर सोना चाहिए और ब्रम्हचर्य का पालन करना चाहिए।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

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