Chhath Puja 2023 Nahay Khay: आज यानी शुक्रवार से नहाय खाय के साथ महापर्व छठ का आरंभ होने जा रहा है। छठ पूजा में नहाय खाय का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं और पुरुष प्रात:काल स्नान आदि कर नए और साफ वस्त्र पहनते हैं। इसके बाद भगवान सूर्य देव के साथ अपने कुलदेवता या कुलदेवी की पूजा करने के बाद सात्विक आहार ग्रहण करते हैं। नहाय खाय के दिन बनने वाले खाने में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। आपको बता दें कि छठ का व्रत पूरे चार दिनों तक मनाया जाता है। 17 नवंबर से शुरू हुआ छठ पूजा का समापन 20 नवबंर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। तो चलिए जानते हैं छठ के पहले दिन आने वाले नहाय खाय के बारे में।
नहाय खाय के दिन इन बातों का रखें ध्यान
- नहाय खाय के दिन सबसे पहले पूरे घर की साफ-सफाई कर लें
- इसके बाद व्रती स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहनें
- इस दिन भोजन में कद्दू यानि लौकी और चने की दाल को जरूर शामिल करें
- नहाय खाय के दिन अरवा चावल खाया जाता है
- नहाय खाय का भोजन सूर्यदेव को भोग लगाने के बाद ही खाएं
- वहीं व्रती के भोजन करने के बाद ही परिवार के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करें
- नहाय खाय के खाने में लहसुन और प्याज का भूलकर भी इस्तेमाल न करें
- घर के बाकी सदस्य भी इस दिन लहसुन-प्याज न खाएं
- नहाय खाय के दिन व्रती और परिवार के अन्य लोग सात्विक भोजन ही खाएं
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा का यह व्रत मुख्य रूप से संतान की लंबी आयु, पारिवारिक सुख-समृद्धि, अच्छी सेहत और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए किया जाता है। छठ व्रत में व्रती महिलाएं करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं। छठ पूजा का ये त्यौहार पूरे चार दिनों तक मनाया जाता है। छठ पूजा के पहले दिन यानि आज नहाय-खाय होता है। दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और उसके अगले दिन अरुणोदय काल में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-
इस वृक्ष की पूजा करते ही दौड़ी आएंगी मां लक्ष्मी, गृहस्थ जीवन हो जाएगा खुशहाल