Friday, November 22, 2024
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उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ छठ का महापर्व, 36 घंटे के बाद खोला गया व्रत

लोक आस्था का महापर्व आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ। आज सुबह के समय भगवान भास्कर को सूर्योदय काल में अर्घ्य दिया गया। देश भर में जगह-जगह आस्था की डुबकी से सराबोर दिखे छठ पर्व के घाट।

Written By: Aditya Mehrotra
Published on: November 20, 2023 6:30 IST
Chhath Puja 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chhath Puja 2023

Chhath Puja 2023: देश भर में छठ पर्व को बड़े धूम-धाम से मनाया गया। आज प्रतःकाल बेला में व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद उनकी और मां छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और इसके बाद व्रत का पारण किया। बता दें कि, यह व्रत कुल 36 घंटे का था। जिसे व्रती महिलाओं ने छठ पूजा के समापन के बाद खोला है।


यह पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्य में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया गया। करीब लाखों की संख्या में व्रती महिलाओं ने जगह-जगह घाटों पर अपनी आस्था की उपस्थिति दर्ज करवाई। आज छठ पर्व का चौथा और आखिरी दिन था। 

चार दिनों तक चला ये पर्व

छठ का यह पर्व 17 नवंबर 2023 नहाय खाय से शुरू हुआ था और आज 20 नवंबर 2023 को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की विधि के साथ पूर्ण रूप से संपन्न हुआ। चार दिनों के चलने वाले इस पर्व में व्रती महिलाओं ने खरना के बाद से व्रत का संकल्प लिया था। यह व्रत कुल 36 घंटे का होता है। बता दें कि, यह व्रत निर्जला रखा जाता है। आज इस व्रत का पारण कर महिलाओं ने छठ के प्रसाद के साथ अन्न-जल को ग्रहण किया।

व्रत रखने के पीछे की मान्यता

छठ पूजा का व्रत घर की महिलाएं रखती हैं। यह व्रत छठी मैया और सूर्य भगवान को समर्पित होता है। मान्यता है कि छठी मैया निसंतान दांपतियों को संतान का वर्दान देती हैं और घर की सुख-समृद्धी का भी आशीर्वाद देती है। इस वजह से महिलाएं छठ पर्व का व्रत रखती है। जिससे उनकी संतान को दीर्घायु की प्राप्ति हो और जिनकी संतान नहीं हैं, उन विवाहित दंपतियों को संतान का सुख मिले। इस व्रत को पूरे नियम के साथ रखना चाहिए तभी इसका फल प्राप्त होता है।   

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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