
Chaitra Navratri 2025 9th Day: 6 अप्रैल यानी रविवार को चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन है। नवरात्रि के नौवें दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। कमल पर विराजमान होने के कारण इन्हें मां कमला भी कहा जाता है। मां सिद्धिदात्री भगवान विष्णु की अर्धांगिनी है। सिद्धिदात्री, नाम से ही स्पष्ट है सिद्धियों को देने वाली। कहते हैं इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है। मार्केण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व और वशित्व, कुल आठ सिद्धियां हैं, जो कि मां सिद्धिदात्री की पूजा से आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं। देवी सिद्धिदात्री सुख समृद्धि और धन की प्रतीक हैं। कहा जाता है कि देवी सिद्धिदात्री में संसार की सारी शक्तियां हैं। देवी सिद्धिदात्री ने मधु और कैटभ नाम के राक्षसों के अत्याचार को समाप्त करके दुनिया का कल्याण किया था।
माना जाता है कि भगवान शिव ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही सिद्धियों को प्राप्त किया था और इन्हीं की कृपा से भगवान शिव अर्द्धनारीश्वर कहलाये। लिहाजा विशिष्ट सिद्धियों की प्राप्ति के लिए नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए। साथ ही इस अति विशिष्ट मंत्र का 21 बार जप भी करना चाहिए। मंत्र है- ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ऊँ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल
ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।
चैत्र नवरात्रि 2025 महानवमी मुहूर्त
- चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ- 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 पर
- चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि समाप्त- 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट परकन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
- नवमी तिथि पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त- 6 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 40 मिनट से 9 बजकर 14 मिनट तक
- कन्या पूजन के लिए अन्य दूसरा मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 23 मिनट तक
नवमी के दिन मां सिद्धिदात्रि को लगाएं इन चीजों का भोग
नवरात्रि में नवमी पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन मां सिद्धिदात्रि को खीर, पूड़ी, चना, हलवा, नारियल और मौसमी फल का भोग जरूर लगाएं। मां सिद्धिदात्रि को ये चीजें अति प्रिय है। नवमी के दिन देवी मां को इन चीजों का भोग लगाने से व्यक्ति की सभी अधूरी मुराद पूरी होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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