Chaitra Navratri 2nd Day: आज चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि और गुरुवार का दिन है। द्वितीया तिथि आज शाम 6 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। आज चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन है। चैत्र नवरात्र का हर दिन मां दुर्गा के विभिन्न नौ रूपों में से किसी न किसी एक रूप से संबंध रखता है। आज चैत्र नवरात्र के दूसरा दिन का संबंध मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी से है। आज मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाएगी। यहां ‘ब्रह्म’ शब्द का अर्थ तपस्या से है और 'ब्रह्मचारिणी' का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली। मां दुर्गा का ये स्वरूप अनंत फल देने वाला है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व
सफेद वस्त्र धारण किये हुए मां ब्रह्मचारिणी के दो हाथों में से दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल है। इनकी पूजा से व्यक्ति के अंदर जप-तप की शक्ति बढ़ती है। मां ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को संदेश देती हैं कि परिश्रम से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। कहते हैं आज जो भी व्यक्ति मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है, वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में जीतने की शक्ति हासिल कर सकता है। इससे व्यक्ति के अंदर संयम, धैर्य और परिश्रम करने के लिए मनोबल की भी बढ़ोतरी होती है।
मंत्र के जाप से प्रसन्न होंगी मां ब्रह्मचारिणी
अगर आप किसी कार्य में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं तो आज आपको देवी ब्रह्मचारिणी के इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। देवी ब्रह्मचारिणी का मंत्र इस प्रकार है- 'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:'। आज आपको इस मंत्र का कम से कम एक माला, यानि 108 बार जाप करना चाहिए। इससे विभिन्न कार्यों में आपकी जीत सुनिश्चित होगी। साथ ही आज माता को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाने से व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान मिलता है । मंगल संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करना बड़ा ही लाभदायी होगा।
मां ब्रह्मचारिणी से जुड़ी पौराणिक कथा
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, नारद जी के उपदेश के बाद मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की थी, इसलिए इन्हें तपश्चारिणी भी कहा जाता है। मां ब्रह्मचारिणी कई हजार वर्षों तक जमीन पर गिरे बेलपत्रों को खाकर भगवान शंकर की आराधना करती रहीं और बाद में उन्होंने पत्तों को खाना भी छोड़ दिया, जिससे उनका एक नाम अपर्णा भी पड़ा। लिहाजा देवी मां हमें हर स्थिति में परिश्रम करने की और कभी भी हार न मानने की प्रेरणा देती हैं।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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