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Chaitra Navratri 2023 Ashtami: मां गौरी की कृपा पाने के लिए इस विधि के साथ करें महाअष्टमी की पूजा, जानिए मुहूर्त, मंत्र और महत्व

MahaAshtami Puja 2023: आज चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है। इस दिन महागौरी की उपासना का विधान। नवरात्रि में महाअष्टमी की पूजा का खास महत्व होता है।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Published : Mar 28, 2023 16:31 IST, Updated : Mar 28, 2023 16:31 IST
Chaitra Navratri 2023 Ashtami Puja
Image Source : INDIA TV Chaitra Navratri 2023 Ashtami Puja

Mahashtami 2023: आज चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और बुधवार का दिन है। अष्टमी तिथि आज रात 9 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। आज चैत्र नवरात्र का आठवां दिन है। नवरात्र के आठवें दिन को महाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। आज देवी दुर्गा की आठवीं शक्ति माता महागौरी की उपासना की जाएगी। इनका रंग पूर्णतः गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है। इनके रंग की उपमा शंख, चन्द्र देव और कन्द के फूल से की जाती है। मां शैलपुत्री की तरह इनका वाहन भी बैल है, इसलिए इन्हें भी वृषारूढ़ा कहा जाता है। इनका ऊपरी दाहिना हाथ अभय मुद्रा में रहता है और निचले हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू जबकि नीचे वाला हाथ शांत मुद्रा में है। मां का प्रिय फूल रात की रानी है। 

इस मंत्र का करें जाप

नवरात्रि के महाअष्टमी के दिन आपको महागौरी के इस मंत्र का जाप जरूर करें। मंत्र इस प्रकार है- 'सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।' इस मंत्र का 21 बार जाप करें, इससे आपको कई गुना लाभ मिलेगा।

महाअष्टमी पूजा का महत्व

जो लोग अपने अन्न-धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि करना चाहते हैं, उन्हें महाअष्टमी के दिन महागौरी की उपासना जरूर करनी चाहिए। नवरात्रों में महाअष्टमी पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, कन्या पूजन करने से निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही मां दुर्गा भी अपनी अपार कृपा बरसाती हैं। महाअष्टमी के दिन मां गौरी की पूजा से अखंड सौभाग्य का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

संधि पूजा का महत्व

आपको बता दें कि नवरात्र के दौरान संधिकाल में संधि पूजा का विशेष महत्व होता है। यह पूजा अष्टमी तिथि के समाप्त होने और नवमी तिथि के शुरू होने पर किया जाता है। दरअसल, अष्टमी तिथि के आखिरी 24 मिनट और नवमी के पहले 24 मिनट को संधिकाल कहा जाता है। इस पूजा में 108 मिट्टी के दिए, 108 कमल के फूल के अलावा एक लाल साबुत फल, लाल गुड़हल के फूल, साड़ी, कच्चे चावल के दाने, बेल पत्ते का प्रयोग किया जाता है। पूजा के दौरान मां दुर्गा को 108 लाल गुड़हल के फूलों की और 108 बेल के पत्तों से बनी दो मालाएं पहनाई जाती हैं।

महाअष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त

  • अष्टमी तिथि आरंभ- आज शाम 07 बजकर 02 मिनट पर (28 मार्च 2023)
  • अष्टमी तिथि समापन- रात 09 बजकर 07 मिनट पर (29 मार्च 2023)

संधि पूजा मुहूर्त

  • संधि काल के पूजा का मुहूर्त- रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 30 तक रहेगा।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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