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चैत्र अमावस्या के दिन आत्माएं बनाती हैं लोगों के शरीर को निशाना! नकरात्मक शक्तियों से बचने के लिए करना होगा ये उपाय

Chaitra Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या का खास महत्व है। चैत्र माह में अमावस्या 21 मार्च 2023 को पड़ रही है। इसे भूतड़ी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यहां जानिए भूतड़ी अमावस्या के दिन क्या करना फलदायी होगा।

Written By: Vineeta Mandal
Published on: March 14, 2023 17:16 IST
Chaitra Amavasya 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chaitra Amavasya 2023

Chaitra Bhutadi Amavasya 2023: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इन दोनों ही दिन स्नान-दान का खास महत्व होता है। हिंदू धर्म में चैत्र महीने को धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। इस महीने में पड़ने वाली अमावस्या भी खास होती है। चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने और गरीब, ब्राह्मणों और जरूरदमंदों को दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण, व्रत और पूजा का भी विधान है। वहीं आपको बता दें कि चैत्र महीना हिंदू कैलेंडर या पंचांग का अंतिम महीना होता है। 

अमावस्या का महत्व

भूतड़ी अमावस्या को भौमवती अमावस्या भी कहा जाता है। पुराणों के अनुसार, सोमवार, मंगलवार या बृहस्पतिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। कर्ज से मुक्ति पाने के लिए भौमवती अमावस्या का दिन काफी शुभ माना जाता है। साथ ही किसी भी अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य करना शुभफल देने वाला होता है। इस दिन प्रयागराज के संगम पर स्नान-दान का करने का भी महत्व होता है। आज के दिन कई धार्मिक तीर्थों पर बड़े-बड़े मेलों का आयोजन भी किया जाता है।

भूतड़ी अमावस्या तिथि, मुहूर्त 

  • चैत्र अमावस्या आरंभ: रात 1 बजकर 47 मिनट से ( 20 मार्च 2023)
  • चैत्र अमावस्या समापन:  रात 10 बजकर 53 तक (21 मार्च 2023)

चैत्र अमावस्या को क्यों कहा जाता है भूतड़ी अमावस्या?

हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर महीने की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि के दिन अमावस्या होती है। अलग-अलग महीने और खास दिनों में पड़ने वाली अमावस्या के अलग नाम होते हैं। ऐसे ही चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या का नाम भूतड़ी अमावस्या है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, कहते हैं कि भूतड़ी अमावस्या के दिन नकरात्मक शक्तियां उग्र हो जाती हैं। अतृप्त आत्माएं अपनी अधूरी इच्छा को पूरी करने के लिए लोगों के शरीर को अपना शिकार बनाती हैं। आत्माओं और नकरात्मक शक्तियों की उग्रता को शांत करने के लिए किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए। यही वजह है कि भूतड़ी अमावस्या पर स्नान-दान का खास महत्व है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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