Sunday, December 22, 2024
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आज बुध हो रहा व्रकी और शुक्र का होगा मकर राशि में प्रवेश, जानें इसका ज्योतिष महत्व

आज बुध मकर राशि में वक्री हो जाएगा। इसके साथ गुरुवार शाम 4 बजकर 4 मिनट पर शुक्र मकर राशि में प्रवेश करेगा, जो कि 22 जनवरी, 2023 के दोपहर तक रहेगा। आइए ज्योतिषीय विश्लेषण आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं वक्री और मार्गी का ज्योतिष महत्व।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Published : Dec 29, 2022 9:08 IST, Updated : Dec 29, 2022 12:20 IST
Vakri grahas
Image Source : FILE IMAGE Vakri grahas

Shukra Gochar 2022: कल यानि 28 दिसम्बर की सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर बुध मकर राशि में गोचर किया था और आज दोपहर बाद 3 बजकर 02 मिनट पर बुध, मकर राशि में वक्री हो जाएंगे। इसक बाद फिर 31 दिसम्बर की रात 12 बजकर 07 मिनट तक मकर राशि में ही वक्री गति से गोचर करते रहेंगे। 7 फरवरी 2023 की सुबह 7 बजकर 28 मिनट पर मकर राशि में मार्गी हो जाएगा। बुध के इस वक्री गोचर को समझने के लिए आपको मार्गी और वक्री का अर्थ समझना होगा। हमारे सौर मण्डल के सारे ग्रह एक दूसरे से लाखों किलोमीटर दूर हैं और सभी सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं, सबके अपने अपने परिक्रमा पथ हैं। सबकी तरह पृथ्वी का भी अपना परिक्रमा पथ है और वह भी सूर्य का चक्कर लगाती रहती है। कभी कभी पृथ्वी किसी धीमे चल रहे ग्रह के बगल से तेजी से गुजरती है तो धीमे चल रहा ग्रह पीछे छूटता जाता है जैसे वह उल्टी दिशा में जा रहा हो। 

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आप सब ने अनुभव किया होगा कि अगर एक धीमे चल रही रेलगाड़ी के बगल से दूसरी रेल तेजी से गुजरे तो धीमी वाली रेल पीछे जाती हुई लगती है जबकि वास्तव में वो उसी दिशा में जा रही होती है जिधर दूसरी जा रही होती है लेकिन आभास होता है कि वो पीछे जा रही है। ठीक वही बात ग्रहों और पृथ्वी के बीच घटित होती है। इसी को वक्री या मार्गी कहते हैं। जब उल्टा चलता हो तो वक्री और जब सीधा चले तो मार्गी। यहां ध्यान दें कि सूर्य और चंद्रमा हमेशा मार्गी रहते हैं और राहु और केतु हमेशा वक्री रहते है और बाकि पांच ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष अपनी गति के कारण कभी मार्गी तो कभी वक्री होते रहते हैं।

भारतीय ज्योतिष के अनुसार बुध ज्योतिष विद्या, शिल्प, कम्प्यूटर, वाणिज्य और चतुर्थ और दशम स्थान के कारक है। ये बुद्धि और वाणी के देवता हैं। इनका सीधा प्रभाव दिमाग से मेहनत वाले कार्यों पर पड़ता है और शरीर में मुख्य रूप से गले और कन्धों पर इसका प्रभाव रहता है। इसके आलावा आज शाम 4 बजकर 4 मिनट पर शुक्र मकर राशि में प्रवेश करेगा और 22 जनवरी की दोपहर बाद 3 बजकर 54 मिनट तक वही रहेगा। शुक्र वृष और तुला राशि का स्वामी है। मीन राशि में शुक्र उच्च का, जबकि कन्या राशि में यह नीच का होता है।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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