MahaShivratri 2023 Bhimashankar Jyotirlinga: 18 फरवरी को पूरे देश में महाशिवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर तमाम प्रसिद्ध शिव मंदिरों में खास तैयारी की जा रही है। खासतौर से 12 ज्योर्तिलिंग में महाशिवरात्रि की पूजा के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। दरअसल, शिवभक्तों के लिए सावन और शिवरात्रि का महत्व अत्याधिक है। ऐसे में भक्तगण दूर-दूर से इन प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन-पूजा के लिए पहुंचते हैं। इसी क्रम में आज हम आपको भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग के बारे में विस्तार से बताएंगे, जहां शिवारात्रि के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ दर्शन करने लिए आते हैं।
महाशिवरात्रि पर इस शिव मंदिर के करें दर्शन, शुक्र दोष और विवाह में आ रही बाधा होगी दूर
भीमाशंकर मंदिर (महाराष्ट्र)
आपको बता दें कि 12 ज्योर्तिलिंग में से छठा ज्योर्तिलिंग भीमाशंकर है। यह मंदिर महाराष्ट्र के पुणे से करीब 110 किलोमीटर की दूरी पर सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक जहां-जहां 12 ज्योर्तिलिंग मौजूद है वहां शिवजी प्रकट हुए थे। कहते हैं कि इन मंदिरों के दर्शन करने और शिवजी की उपासना से हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ जीवन की सभी चिंताएं दूर हो जाती हैं। गौरतलब है कि महादेव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से तीन ज्योर्तिलिं महाराष्ट्र में हैं। इन ज्योर्तिलिंगों का जिक्र एक श्लोक में भी किया गया है जो कि कुछ तरह से है-
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥
(श्लोक का अर्थ- गुजरात में सोमनाथ, श्रीशैल पर मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश), उज्जैन में महाकाल (मध्य प्रदेश), ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश), परली में वैद्यनाथ (झारखंड), डाकिनी में भीमाशंकर (महाराष्ट्र), सेतुबंध पर रामेश्वरम (तमिलनाडु), नागेश्वर नाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात), विश्वेश्वर यानी काशी विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश), त्र्यम्बकेश्वर (महाराष्ट्र), हिमालय पर केदारनाथ (उत्तराखंड) और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में है।)
भीमाशंकर मंदिर पर क्यों छिड़ा विवाद
मंगलवार को असम सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें दावा किया गया कि छठवां ज्योतिर्लिंग असम में है। असम सरकार के पर्यटन विभाग ने विज्ञापन जारी करके दावा किया है कि भीमाशंकर मंदिर असम में डाकिनी पहाड़ी, कामरूप में है। बता दें कि असम सरकार महाशिवरात्रि के अवसर पर वहां एक कार्यक्रम आयोजित करवा रही है। विज्ञापन में श्रद्धालुओं से वहां भारी संख्या में आने की अपील की गई है।
वहीं महाराष्ट्र के भीमाशंकर देवस्थान के मुख्य पुजारी मधुकर शास्त्री गावंडे ने कहा कि असम सरकार जो कहती है, उस पर किसी को विश्वास नहीं करना चाहिए। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने असम सरकार की निंदा करते हुए कहा कि असम सरकार जो कर रही है, वह अस्वीकार्य और निराधार है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता सचिन सावंत ने ट्वीट किया कि बीजेपी सरकार महाराष्ट्र में उद्योग के साथ-साथ महत्वपूर्ण तीर्थ क्षेत्रों को हड़पना चाहती है। हम असम में बीजेपी सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार इस मुद्दे पर तुरंत अपनी स्थिति स्पष्ट करे और असम के इस निंदनीय कृत्य की निंदा करें। मालूम हो कि द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र में डाकिन्यां भीमशंकरम लिखा है लेकिन डाकिनी से जगह का पता नहीं चल पाता है। माना जाता रहा है कि प्राचीन समय में यहां कोई डाकिनी नाम की बस्ती रही हो।
(डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।)
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