Pradosh Vrat 2023: मंगलवार को प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है। आपको बता दें कि मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आज भौम प्रदोष व्रत का दिन कर्ज से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही श्रेष्ठ है। इस दिन मंगल से संबंधित चीजें गुड़, मसूर की दाल, लाल वस्त्र, तांबा आदि का दान करने से सौ गौ दान के समान फल मिलता है। त्रयोदशी तिथि की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है- उसपर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
- प्रदोष व्रत के नित्यकर्मों से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें।
- पूरे दिन उपवास के बाद शाम के समय फिर से स्नान करके सफेद वस्त्र धारण करें।
- ईशान कोण में प्रदोष व्रत की पूजा के लिए स्थान का चुनाव करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल या साफ जल से शुद्ध करने के बाद, गाय के गोबर से लीपकर मंडप तैयार कर लें।
- इस मंडप में पांच रंगों से कमल के फूल की आकृति बनाएं
- बाजार में कागज पर अलग-अलग रंगों से बनी कमल के फूल की आकृति भी ले सकते हैं। साथ में भगवान शिव की एक मूर्ति या तस्वीर भी रखिए।
- फिर पूजा की सारी सामग्री अपने पास रखकर कुश के आसन पर बैठकर, उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके शिव जी की पूजा करें।
- पूजा के एक-एक उपचार के बाद- 'ऊँ नमः शिवाय'मंत्र का जप करें।
- पुष्प अर्पित करें और 'ऊँ नमः शिवाय' कहें, फल अर्पित करें और 'ऊँ नमः शिवाय'मंत्र का जाप करें।
- शिवजी की पूजा के बाद हनुमान जी की पूजा भी करें और उन्हें सिन्दूर चढ़ाएं।
- भौम प्रदोष में शिवजी के साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त और शुभ योग
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 12 सितंबर 2023 को सुबह 6 बजकर 4 मिनट से रात 8 बजकर 49 मिनट तक
- शिव योग - 12 सितंबर 2023 सुबह 12 बजदकर 14 मिनट से 13 सितंबर 2023 को सुबह 1 बजकर 1 मिनट से
- शिवजी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- 12 सितंबर के शाम 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 48 मिनट तक
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। कहते हैं इस दिन जो व्यक्ति भगवान भोलेनाथ की पूजा करता है और प्रदोष व्रत करता है उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसा कहा गया है कि इस व्रत को करने से व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होने के साथ ही कर्ज और दरिद्रता से भी मुक्ति मिलती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)