Bhai Dooj 2022: आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि और गुरुवार का दिन है। द्वितीया तिथि आज दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी, उसके बाद तृतीया तिथि लग जायेगी। आज का पूरा दिन पार कर के अगली भोर 4 बजकर 33 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। सौभाग्य योग सदा मंगल करने वाला योग है। इसलिए इसे मंगलदायक योग भी कहते हैं साथ ही नाम के अनुरूप यह भाग्य को बढ़ाने वाला और वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने वाला भी है।
उत्तर-पश्चिम दिशा में लगाएं भाई को तिलक
आज भाई-बहन के प्यार का प्रतीक भैया दूज का त्यौहार है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाला यह त्योहार बड़ा ही सुंदर और स्नेह से भरा हुआ है। आज बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है और उसके अच्छे की कामना करती है, साथ ही भाई अपनी बहन को कुछ उपहार स्वरूप देता है।बता दूं कि- तिलक लगाते समय भाई का मुंह उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। आज भाई को अपनी बहन के घर पर भोजन करना चाहिए। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति इस दिन अपनी बहन के घर भोजन करता है, वो साल भर किसी झगड़े में नहीं पड़ता और उसे शत्रुओं का भय नहीं होता है, यानी हर तरह के संकट से भाई को छुटकारा मिलता है और उसका कल्याण होता है।
यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है यह त्यौहार
ऋग्वेद में वर्णन है कि यमुना ने भी अपने भाई यम को इस दिन खाने पर बुलाया था, इसलिए इस दिन को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से भी इस दिन का बहुत महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर रिश्ते का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है। रिश्तों में बहन का सम्बन्ध बुध ग्रह से है। इसलिए बुध सम्बन्धी उपद्रवों से बचाव के लिये बहन की शुभकामनाएं आपके जीवन के हित के लिये बेहद कारगर हैं। बुध का सम्बन्ध कैलकुलेटर एप्टीट्यूड, व्यावसायिक कुशलता और वाणी आदि से होता है। अगर आपका बुध अच्छा हो तो, ये सारी चीज़ें अच्छी हो जाती हैं।
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बहन बुध की स्वामी है
बहन बुध है तो ज्योतिष शास्त्र में भाई को मंगल माना जाता है और मंगल ऊष्मा का प्रतीक है। जीवन में ऊष्मा बरकरार रहना बहुत जरूरी है। ऊष्मा के बगैर जीवन निरर्थक है। इसलिए भैया दूज के इस त्योहार का बहुत महत्व है। अगर अपनी बहन न हो तो चाचा, बुआ, मौसी की बेटी को अपनी बहन मानकर उसके साथ भैया दूज मनाना चाहिए और विवाहित है तो उसके घर जाकर भोजन करना चाहिए और विवाहित नहीं है तो घर पर ही उसके हाथों से या उसके हाथों का बना भोजन खाना चाहिए।
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नई बही खातों पर काम करें शुरू
साथ ही आप लोगों को पता ही है कि- दीपावली के दिन बही खाते बदले जाते हैं और आज उन नये बही खातों पर काम शुरू किया जाता है। इस दिन बही खातों पर काम शुरू करने के पीछे भी एक खास वजह है। दरअसल बही खातों का प्रतिनिधि ग्रह बुध है और बहन का संबंध भी बुध ग्रह से है। तो व्यावसायिक सफलता के लिये पहला दिन छोड़ कर दूसरे दिन ही- बहन को खुश करके बुध ग्रह को ठीक किया जाता है और भाई के लिये शुभकामना करके मंगल ग्रह को अनुकूल बनाया जाता है।
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कलम की करें पूजा
इसके अलावा भैया दूज की पूजा के दौरान कलम की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। कलम की पंचोपचार से पूजा करके श्री चित्रगुप्त को स्मरण करना चाहिए और उनसे हाथ जोड़कर उस कलम को आशीर्वाद रूप में प्राप्त करने का भाव करना चाहिए। इस प्रकार पूजी गयी कलम अमोघ, हो जाती है, उससे लिखा गया सही हो जाता है। उस कलम से लिखने पर दैवीय सहायता प्राप्त होती है। साथ ही भाई का घर धन विभव से भरा होता है। अब आपने जो किताब दीपावली की रात बंद की थी, उसे कलम की पूजा करके फिर से खोलें और उस पर स्वास्तिक का चिन्ह अंकित करके या श्रीगणेशाय नम: लिखकर सिद्धि बुद्धि सहित श्री गणेश को प्रणाम कीजिए और उसके बाद उस कलम को प्रयोग में ले लेना चाहिए। अगर आप चाहें तो एक से ज्यादा कलम की पूजा भी कर सकते हैं और उनका उपयोग आप आने वाले पूरे वर्ष भर कीजिये।