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Khatu Shyam: आज मनाया जाएगा बाबा खाटू श्याम का जन्मोत्सव, यहां जानें महत्व और मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा

Khatu Shyam Janmotsav 2023: हर साल की तरह इस बार भी बाबा खाटू श्याम का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम तरीके से मनाया जाएगा। इस दिन खाटू श्याम जी को अलग-अलग तरह के भोग लगाकर विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है।

Written By: Vineeta Mandal
Updated on: November 23, 2023 7:36 IST
Khatu Shyam- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Khatu Shyam

Khatu Shyam Birthday 2023: 'हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा...' यह वो लाइन है जिसे पढ़कर और सुनकर हर कोई निश्चिंत हो जाता है। बाबा खाटू श्याम अपने हर एक भक्त की हर मुराद पूरी करते हैं। खाटू श्याम के मंदिर में हर दिन भक्तों की भारी भीड़ रहती है। कहते हैं कि जो कोई भी सच्चे दिल से बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने आता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। अगर आप भी बाबा खाटू श्याम के मंदिर जाना चाहते हैं तो आपके पास एक बेहद ही सुनहरा मौका आने वाला है।

दरअसल, 23 नवंबर को खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन बाबा खाटू श्याम की विधि-विधान के साथ पूजा के साथ कई प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। आपको बता दें कि 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी भी मनाई जाएगी। इसी एकादशी के दिन भगवान विष्णु अपने शयनकाल से जागते हैं और फिर सभी मांगलिक कार्यक्रम आरंभ हो जाते हैं।

बाबा खाटू श्याम जन्मोत्सव

हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को खाटू श्याम जी जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस खास मौके पर खाटू श्याम मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है। इस मनमोहक दृश्य को देखने के लिए अलग-अलग जगहों से भक्त जुटते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी भक्त सच्चे मन से बाबा खाटू श्याम के दर्शन करने जाता है उसकी हर अधूरी मुराद पूरी हो जाती है। साथ ही व्यक्ति को सभी दुख-दर्द से छुटकारा मिल जाता है।

बाबा खाटू श्याम से जुड़ी पौराणिक कथा

बाबा खाटू श्याम का असली नाम बर्बरीक था। वे भीम और हिडम्बा पौत्र और  घटोत्कच के पुत्र थे। उन्हें भगवान कृष्ण से वरदान प्राप्त था कि कलयुग में उन्हें श्याम नाम से पूजा जाएगा। दरअसल, बर्बरीक काफी बलशाली थे और वे महाभारत के युद्ध में जिस भी तरफ से लड़ते जीत उन्हीं की होती। ऐसे में भगवान कृष्ण ने उनसे उनका शीश मांग लिया। तब बर्बरीक ने अपना शीश काट कृष्ण के चरणों में रख दिया। भगवान कृष्ण बर्बरीक के बलिदान से अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान दिया कि कलयुग में तुम मेरे ही नाम से पूजे जाओगे और जो तुम्हारी शरण में आकर सच्चे मन से कुछ भी मांगेगा, उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होंगी। वहीं कहते हैं कि वरदान के बादा बाबा श्याम का शीश राजस्थान के खाटू नाम के स्थान पर दफनाया गया जो कि राजस्थान के सीकर जिले में है। इसी वजह से आगे चलकर बाबा श्याम को खाटू श्याम के नाम से जाना जाने लगा।

बाबा खाटू श्याम जी के मंदिर के दर्शन का समय

गर्मी में दर्शन का समय

  • सुबह 4.30 से दोपहर 12.30 बजे तक
  • शाम में  5 बजे से रात 9 बजे तक

सर्दी में दर्शन का समय

  • सुबह 4.30 से दोपहर 12.30 बजे तक
  • शाम में  4 बजे से रात 10 बजे तक

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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