Surya Grah Upay: वास्तु का प्रभाव हमारे जीवन में महत्वपूर्ण होता है। वास्तु के अनुसार, यदि किसी का घर या कार्यस्थल इसके सिद्धांतों के अनुपालन में नहीं बनाया गया है तो उसके जीवन में गरीबी आ सकती है। फालतू खर्चे होते हैं, इसके साथ ही अगर घर या ऑफिस वास्तु के अनुसार बना हो तो जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु का ग्रहों से भी संबंध होता है और किसी न किसी दिशा पर ग्रह का आधिपत्य होता है। यहां हम सूर्य देव के बारे में बात करने जा रहे हैं कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य देव कमजोर या अशुभ हैं तो वास्तु उपाय करके उसकी नकारात्मकता को कम किया जा सकता है।
ज्योतिष में सूर्य देवता को ग्रह सम्राट की उपाधि प्राप्त है। क्योंकि उनका स्वभाव राजाओं जैसा है। इसलिए जो लोग सूर्य देव के प्रभाव से प्रभावित होते हैं उनके अंदर राजसी गुण होते हैं। वह सभी भौतिक सुखों का आनंद लेता है। साथ ही, वे आत्मविश्वासी और दूरदर्शी होते हैं। इसके साथ ही सूर्य देव को मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, सरकारी नौकरी और पिता का कारक माना जाता है। इसलिए ज्योतिष में सूर्य की स्थिति को जितना प्रमुख माना जाता है, वास्तु में सूर्य की दिशाओं का पालन करना उतना ही आवश्यक माना जाता है। क्योंकि सूर्य की ऊर्जा सकारात्मकता का कारक है और इसकी ऊर्जा मानव जीवन में रोशनी लाती है। आइए जानते हैं सूर्य से जुड़े वास्तु उपाय।
इस समय करें पूजा
शास्त्रों के अनुसार शाम 4 बजे से 6 बजे तक का समय ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है और इस समय सूर्य देव घर के उत्तरी भाग में होते हैं। इसलिए यह समय पूजा के लिए सर्वोत्तम है। इस समय आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। साथ ही आपको मंदिर ईशान कोण में ही बनाना चाहिए।
सभी खिड़कियां और दरवाजे खोलें
ऐसा माना जाता है कि जिन घरों में सुबह के समय सूरज की रोशनी आती है वहां रहने वाले लोग कम बीमार पड़ते हैं। इसलिए वास्तु में कहा गया है कि सुबह के समय घर के सभी दरवाजे और खिड़कियां खोल दें।
इस दिशा में होना चाहिए किचन और वॉशरूम
सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सूर्य देव घर के दक्षिण-पूर्व में होते हैं। इसलिए यह समय स्नान करने और भोजन पकाने के लिए उत्तम है। इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में इनका स्थान दक्षिण दिशा में होना चाहिए। ताकि सूरज की रोशनी यहां तक जा सके।
इस दिशा में शयनकक्ष होना चाहिए
दोपहर 12 से 3 बजे तक विश्राम का समय होता है और इस समय सूर्य देव दक्षिण दिशा में होते हैं। इसलिए शयनकक्ष इसी दिशा में होना चाहिए। साथ ही बेडरूम में गहरे रंग के पर्दे लगाने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस समय सूर्य देव से पराबैंगनी किरणें निकलती हैं, इसलिए गहरे रंग के पर्दे रखने से आपकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कमजोर सूर्य को मजबूत कैसे करें?
- सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन स्नान करने के बाद लाल वस्त्र पहनें। साथ ही 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' मंत्र का 3, 5 या 12 माला जाप करें। इससे लाभ होगा।
- रविवार के दिन नमक का सेवन न करें। दलिया, दूध, दही, घी, चीनी और गेहूं की रोटी जैसी चीजें खाएं। इसके अलावा, यह सूर्य की स्थिति को बढ़ाता है।
- रविवार का व्रत करने से सूर्य शुभ फल देता है, शारीरिक कष्ट दूर होते हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
- सूर्य के कमजोर होने पर व्यक्ति को लाल और पीले रंग के वस्त्र, गुड़, सोना, तांबा, माणिक, गेहूं, लाल कमल, मसूर की दाल, गाय आदि का दान करना चाहिए।
- माणिक्य रत्न धारण करने से सूर्य की शक्ति प्रबल होती है। इसके अलावा सूर्य के ऊपर तांबा, लाल या सूर्यकांत मणि भी धारण किया जा सकता है।
(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)
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