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Ashadha Amavasya 2023: आषाढ़ अमावस्या कब है? यहां जानिए सही डेट, स्नान-दान मुहूर्त और महत्व

Amavasya 2023: हिंदू धर्म में आषाढ़ अमावस्या का खास महत्व है। इस दिन स्नान-दान करने से कई गुना अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। तो जान लीजिए आषाढ़ अमावस्या की तिथि, मुहूर्त और महत्व के बारे में।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Jun 15, 2023 9:32 IST, Updated : Jun 15, 2023 10:06 IST
Amavasya 2023
Image Source : INDIA TV Amavasya 2023 Date

Ashadha Amavasya 2023: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है। इन दोनों दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आषाढ़ मास की अमावस्या जल्द ही आने वाली है। इस बार अमावस्या दो दिनों की पड़ रही है। पहले दिन श्राद्ध और तर्पण किया जाएगी, वहीं दूसरे दिन स्नान-दान किया जाएगी। शास्त्रों में आषाढ़ महीने की स्नान-दान के अमावस्या का बहुत महत्व है।  मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। ऐसा न कर सके तो घर में ही नहाने के पानी में गंगा जल डाल कर स्नान करना चाहिए है। तो आइए अब जानते हैं कि आषाढ़ अमावस्या किस दिन मनाई जाएगी और स्नान दान का शुभ मुहूर्त क्या है।

आषाढ़ अमावस्या 2023 की तिथि और महत्व

आषाढ़ कृष्ण पक्ष की स्नान-दान की अमावस्या 18 जून 2023 को पड़ रही है। इसी दिन स्नान और दान किया जाएगा। वहीं 17 जून को  श्राद्ध आदि की अमावस्या मनाई जाएगी। आपको बता दें कि जब अमावस्या दो दिनों की होती है तो पहले दिन श्राद्ध आदि की अमावस्या और अगले दिन स्नान-दान की अमावस्या मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अमावस्या के दिन स्नान-दान और पितरों के तर्पण करने से जीवन सुखमय बनता है और परिवार में अपार खुशियां आती हैं। कहा जाता है कि आषाढ़ मास की अमावस्या से ही वर्षा ऋतु का आगमन भी होता है।

अमावस्या के दिन क्या करें?

जैसे सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। वैसे ही शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या शनिश्चरी अमावस्या कहलाती है। अमावस्या को अमावस या अमावसी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में आषाढ़ कृष्ण पक्ष की अमावस्या का भी बहुत महत्त्व बताया गया है। प्रत्येक महीने की अमावस्या तिथि को पितृ दोष से मुक्ति के लिए और अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए अमावस्या के दिन दूध, चावल की खीर बनाकर, गोबर के उपले या कंडे की कोर जलाकर, उस पर पितरों के निमित्त खीर का भोग लगाना चाहिए।

आषाढ़ अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त 

  • आषाढ़ अमावस्या तिथि प्रारंभ-  सुबह 09 बजकर 13 मिनट पर (17 जून 2023)
  • आषाढ़ अमावस्या तिथि समापन- सुबह 10 बजकर 08 मिनट पर खत्म (18 जून 2023)
  • स्नान समय - सुबह 4 बजकर 3 मिनट से सुबह 4 बजकर 43 मिनट तक

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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