Ashadha 2023 Vrat-Tyohar List: सनातन पंचांग के अनुसार आषाढ़ वर्ष का चौथा महीना होता है। ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली भयंकर गर्मी से आषाढ़ महीने में ही राहत मिलने के असार नजर आते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्सर जून या जुलाई महीने में आषाढ़ का महीना पड़ता है। इस वर्ष 5 जून से आषाढ़ का महीना शुरू हो रहा है और 3 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा। सनातम पंचांग में सभी महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं। प्रत्येक महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के नाम पर रखा गया है। आषाढ़ नाम भी पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्रों पर आधारित है।
आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा इन्हीं दो नक्षत्रों में से एक नक्षत्र में रहता है। जिसकी वजह से इस महीने का नाम आषाढ़ पड़ा है। वहीं आपको बता दें कि इस वर्ष आषाढ़ महीने के पूर्णिमा के दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। माना जाता है कि इसी महीने से ही वर्षा ऋतु का आगमन भी हो जाता है। आइए जानते हैं आषाढ़ महीने में पड़ने वाले मुख्य त्योहारों के बारे में।
- आषाढ़ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानि 5 जून को सिख पंथ के छठे धर्म गुरु हरगोबिंद साहिब जी की जयंती मनाई जाएगी।
- आषाढ़ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इस दिन उपवास कर विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करने से जातक की समस्त मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण होती है और चतुर्थी तिथि को ही यानि
- 7 जून की शाम 7 बजकर 45 मिनट पर बुध वृष राशि में प्रवेश करेंगे।
- आषाढ़ कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि की शाम 6 बजकर 53 मिनट पर सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और इसी दिन दोपहर 3 बजकर 20 मिनट पर मंगल आश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
- आषाढ़ कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि यानि 9 जून की सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर पंचक प्रारंभ हो जाएंगे और 13 जून की दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होंगे।
- 14 जून यानि आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। कहते हैं योगिनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को हजारों ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है और साथ ही समस्त समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- 15 जून दिन गुरुवार को भगवान शिव को समर्पित गुरु प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन उदया तिथि द्वादशी है जो कि सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक ही रहेगी उसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी। इसी दिन शाम 6 बजकर 16 मिनट पर सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
- 16 जून को मास शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा और 17 जून को श्राद्धादी की अमावस्या मनाई जाएगी।
- 17 जून की रात 10 बजकर 56 मिनट पर शनि वक्री होंगे।
- इस बार अमावस्या तिथि 2 दिनों की पड़ रही है। लिहाजा 18 जून को स्नान-दान की अमावस्या पड़ेगी।
- आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है और नवमी तक चतली है। इस बार गुप्त नवरात्रि 19 जून से शुरू होकर 27 जून तक चलेगी।
- आषाढ़ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानि 22 जून को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत भी किया जाएगा।
- वहीं आषाढ़ शुक्ल की षष्ठी यानि 24 जून को श्री स्कन्द षष्ठी मनाई जाएगी। इसके आलावा 24 जून की दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर बुध मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
- आषाढ़ शुक्ल पक्ष की सप्तमी यानि 25 जून को भानु सप्तमी मनाई जाएगी। वहीं अष्टमी तिथि यानि 26 जून को दुर्गाष्टमी और परशुराम अष्टमी मनायी जाएगी।
- इसके आलावा आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि 1 जुलाई को प्रदोष व्रत, 2 जुलाई को कोकिला व्रत और व्रतादि की पूर्णिमा मनाई जाएगी। वहीं 3 जुलाई को स्नान-दान की पूर्णिमा मनाई जाएगी।
आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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