Thursday, July 04, 2024
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Ashadh Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्रि में इन 10 महाविद्याओं की होती है पूजा, जानें किस देवी की साधना से क्या फल मिलते हैं

Ashadh Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। जानें किस देवी की पूजा से आपको क्या फल प्राप्त होते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published on: July 04, 2024 8:49 IST
Gupt Navratri - India TV Hindi
Image Source : FILE Gupt Navratri

Ashadh Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्रि के दौरान महाविद्याओं की पूजा करने का विधान है। साल में दो बार माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। आषाढ़ माह में आने वाली गुप्त नवरात्रि साल 2024 में 6 जुलाई से शुरू होगी और 15 जुलाई को इसका समापन होगा। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि, गुप्त नवरात्रि के दौरान किन महाविद्याओं की पूजा होती है और किस महाविद्या की पूजा से हमें क्या शुभ फल प्राप्त होते हैं। 

काली- पहली महाविद्या

महाविद्याओं में प्रथम हैं मां काली। माना जाता है कि इनकी साधना करने से व्यक्ति की वाणी सिद्ध हो जाती है। यानि माता काली की साधना करने वाला जो कुछ भी बोलता है वो सत्य हो जाता है। इसके साथ ही देवी काली की साधना से सच्चा ज्ञान साधनों को प्राप्त होता है। देवी काली को शनिदेव की अधिष्ठात्री देवी भी माना जाता है। 

तारा- दूसरी महाविद्या

दूसरी महाविद्या के रूप में देवी तारा की पूजा की जाती है। इनके नाम से ही जाहिर हैं कि ये भक्तों को तारने वाली मां हैं। यानि इनकी साधना से व्यक्ति की सभी दुख परेशानियां दूर हो जाती हैं। 

त्रिपुर सुंदरी- तीसरी महाविद्या

देवी त्रिपुर सुंदरी तीसरी महाविद्या हैं और इनकी साधना करने से भक्तों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इनकी साधना करने वाले भक्त को परलोक में भी अच्छा स्थान प्राप्त होता है। 

भुवनेश्वरी- चौथी महाविद्या 

महाविद्या भुवनेश्वरी देवी को भक्तों पर कृपा बरसाने वाली माना जाता है। इनकी साधना से योग्य संतान की प्राप्ति होती है, साथ ही भक्तों को ये तेज और ऊर्जा प्रदान करने वाली भी मानी जाती है। 

छिन्नमस्ता- पांचवीं महाविद्या

देवी छिन्नमस्ता पांचवीं महाविद्या हैं। इनकी साधना करने से भक्त अपनी इच्छाओं को नियंत्रित कर पाता है। साथ ही भक्त को दिव्य शक्ति भी छिन्नमस्ता देवी की आराधना से प्राप्ति होती है। 

भैरवी- छठी महाविद्या

देवी भैरवी की साधना से व्यक्ति आत्मज्ञान प्राप्त कर सकता है। इनकी साधना करने से हर प्रकार के बंधन से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही आर्थिक उन्नति भी इनकी साधना से प्राप्त होती है। 

धूमावती- सातवीं महाविद्या

देवी धूमावती के साधना करने से व्यक्ति के सभी शत्रुओं का नाश हो जाता है। साथ ही भय से भी मुक्ति मिलती है। जीवन के अभावों को भी देवी धूमावती दूर करने वाली मानी जाती हैं। 

बगलामुखी- आठवीं महाविद्या

सभी महाविद्याओं में बगलामुखी के साधक बहुत अधिक हैं। इनकी साधना करने से भय मुक्त तो साधक होता ही है, साथी ही वाणी भी सिद्ध हो जाती है। इनकी साधना करने से विद्या, कीर्ति और संपत्ति प्राप्त होती है। 

मातंगी- नवीं महाविद्या

मातंगी देवी की साधना करने से व्यक्ति को गृहस्थ सुख मिलता है। इसके साथ ही भोग-विलास और सुख-संपदा की इच्छा रखने वाला भी मातंगी देवी की साधना से लाभ पा सकता है। कुण्डलिनी जागरण और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए भी इनकी पूजा की जाती है। 

कमला- दशवीं महाविद्या

देवी कमला की साधना करने से धन-धान्य और हर प्रकार के सुख की प्राप्ति होती है। रोग मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी भक्त माता कमला की साधना करते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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