Ashadh Month 2023 Start Date: हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की शुरुआत 5 जून 2023 से हो रही है। धर्म की दृष्टि से देखा जाए तो यह महीना काफी महत्वपूर्ण है। मान्यताओं के मुताबिक, आषाढ़ में की गई पूजा-पाठ का विशेष फल मिलता है। इस महीने में विष्णु जी की पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। आपको बता दें कि आषाढ़ महीने में जहां प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है वहीं इसी माह में विष्णु जी चार महीने के लिए योग निद्रा अवस्था में चले जाते हैं। दरअसल, आषाढ़ में ही चतुर्मास भी शुरू हो रहा है, जो कि कार्तिक पूर्णिमा तक चलेगा। वहीं आषाढ़ माह में कई कामों की मनाही भी होती है। तो आइए जानते हैं कि आषाढ़ में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
आषाढ़ महीने का महत्व
विष्णु जी की पूजा-अर्चना करने के लिए आषाढ़ का महीना काफी खास बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, आषाढ़ के महीने में लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से कई गुना पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही अपार धन का लाभ होता है। इस महीने में पूजा पाठ के अलावा यज्ञ करवाना भी शुभ माना गया है। इसके अलावा आषाढ़ मास में सूर्य देव की उपासना करने से शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
आषाढ़ मास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
- आषाढ़ में पड़ने वाली देशश्यनी एकादशी के दिन से देव सो जाते हैं, इसलिए इसके बाद से कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
- आषाढ़ मास में विष्णु जी की पूजा और मंत्रों का जाप करना अच्छा माना जाता है।
- इस महीने में बासी भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए, इससे अशुभता आती है।
- आषाढ़ माह में जल की बर्बादी से बचना चाहिए। शास्त्रों में इसे शुभ संकेत नहीं माना गया है।
- आषाढ़ के महीने में स्नान-दान का भी खास महत्व बताया गया है।
- आषाढ़ में छाता, पानी से भरा घड़ा, खरबूजा, तरबूज, नमक और आंवले का दान करना फलदायी होता है।
- आषाढ़ के महीने में सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडियाटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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