Annapurna Jayanti 2023: घर का भंडार अन्न-धन से भरा रहे इसलिए व्यक्ति को मां लक्ष्मी के साथ माता अन्नपूर्णा की भी विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा के दिन अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इसी मां अन्नपूर्णा धरती पर प्रकट हुई थी। इस दिन विधि-विधान के साथ माता अन्नपूर्णा की उपासना करने से घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है। इस साल अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर, 2023 को मनाई जाएगी।
ऐसे अवतरित हुई थीं मां अन्नपूर्णा
मां अन्नपूर्णा को देवी पार्वती का रूप माना जाता है। कहते हैं कि एक बार धरती पर अन्न की कमी हो गई थी, जिस वजहर से चारों तरफ भूखमरी छा गई। लोग अन्न के एक-एक दाना के लिए भी तरसने लगे थे। तब पृथ्वीवासियों की यह दशा देखकर उनके कष्ट दूर करने के लिए माता पार्वती तब अन्नपूर्णा के रूप में अवतरित हुई थीं। मां अन्नपूर्णा को अन्न की देवी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, जिस घर में मां अन्नपूर्णा की कृपा दृष्टि रहती है वहां का रसोईघर सदैव अन्न-धन से भरा रहता है।
अन्नपूर्णा जयंती का महत्व
देवी मां अन्नपूर्णा संसार का भरण पोषण करती हैं। ऐसे में अन्नपूर्णा जयंती के दिन रसोई घर की अच्छे से सफाई कर लें। इसके बाद रसोईघर समेत पूरे घर को गंगाजल से शुद्ध करें और चूल्हा, गैस स्टोव की विधिपूर्वक पूजा करें। अन्नपूर्णा जयंती के दिन गैस चूल्हे का कुमकुम, चावल, हल्दी, धूप-दीप और फूलों से पूजन करें। रसोई घर में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति या तस्वीर के सामने एक दीपक भी जलाएं। इस दिन माता अन्नपूर्णा के साथ ही भोलेनाथ और मां पार्वती की भी पूजा करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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