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Adhik Maas Amavasya 2023: अधिकमास की अमावस्या पर बन रहा है बेहद शुभ संयोग, जान लीजिए डेट, उपाय और महत्व

Amavasya 2023: अधिकमास अमावस्या के दिन शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन स्नान-दान के साथ ही भगवान विष्णु और महादेव की पूजा करने से हर मनोकामना की पूर्ति होगी।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Aug 12, 2023 10:49 IST, Updated : Aug 12, 2023 10:51 IST
Adhik Maas Amavasya 2023
Image Source : INDIA TV Adhik Maas Amavasya 2023

Adhik Maas Amavasya 2023: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान-दान करने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। खासतौर से अधिकमास में आने वाली अमावस्या का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस साल अधिकमास की अमावस्या 16 अगस्त 2023 को रहेगी। अमावस्या के दिन एक खास योग और बन रहा है, जिस वजह से इस दिन कुछ खास उपायों को करने से मनवांछित फल मिलेंगे और समस्त समस्याओं का समाधान निकल आएगा। 

अधिकमास अमावस्या पर बन रहा है ये शुभ संयोग

आपको बता दें कि अभी अधिकमास चल रहा है, जो कि 16 अगस्त को खत्म हो जाएगा। यानी कि अमावस्या के दिन जहां अधिकमास खत्म होगा वहीं दूसरी तरफ सावन माह भी प्रारंभ हो जाएगा। दोनों खास दिन की तिथि एक साथ पड़ने से यह दिन और अधिक शुभ माना जा रहा है। अधिकमास अमावस्या के दिन विष्णु जी के उपासना के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा करना भी फलदायी साबित होगा। मालूम हो कि अधिकमास में भगवान नारायण की पूजा का विधान है, जबकि सावन शिवजी का अति प्रिय महीना है। अधिक मास को मलमास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। 

अधिकमास अमावस्या उपाय

  • अमावस्या के दिन शिवजी को कनेर के फूल अर्पित करें। घर में धन-वैभव की कभी कोई कमी नहीं होगी। 
  • अमावस्या के दिन शिवलिंग पर पीले फूल चढ़ाएं। इस उपाय को करने से घर से दरिद्रता का नाश होगा। 
  • अधिकमास की अमावस्या के दिन शिव जी के साथ माता पार्वती की पूजा करें। घर का भंडार धन-धान्य से भरा रहेगा।
  •  अमावस्या के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और विधिपूर्वक भोलेनाथ की पूजा करें। वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियां दूर होगी।
  • अधिकमास अमावस्या के दिन भगवान नारायण की पूजा करें और किसी जरूरतंद को पीली मिठाई, फल या वस्त्र का दान करें। घर पर लक्ष्मी-नारायण की कृपा बनी रहेगी।

अधिकमास अमावस्या का महत्व

अधिकमास की अमावस्या का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। किसी भी महीने की अमावस्या के दिन स्नान-दान और श्राद्ध आदि का बहुत महत्व है। अमावस्या के दिन स्नान-दान या श्राद्ध आदि करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। साथ गी पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सारे काम पूरे होते हैं। मान्यताओं के मुताबिक, अधिकमास के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करने की मनाही होती है। इस समय किसी भी तरह के शुभ कार्य, जैसे- मुंडन, विवाह, गृहप्रवेश, नामकरण या किसी भी तरह की नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए।  अधिक मास की शुरुआत 18 जुलाई से हुई थी। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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