Akshaya Tritiya 2023: लोगों के मन में अक्सर सवाल उठता है कि द्वापर युग का अंत कब हुआ होगा या सतयुग, त्रेता युग सब की शुरुआत कब हुई थी। दरअसल, इन सब का ठोस जवाब तो किसी के पास नहीं है लेकिन इसके समय को लेकर कई धार्मिक मान्यताओं प्रचलित है। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही एक युग का अंत और दो युगों की शुरुआत हुई थी। तो आज हम अक्षय तृतीया से जुड़ी कई खास बातों के बारे में जानेंगे।
अक्षय तृतीया से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें-
1. पौराणिक मान्यताओं के बात करें तो कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही दो पावन युगों की शुरुआत हुई थी। मान्यताओं के मुताबिक, अक्षय तृतीया के दिन द्वापर युग का अंत हुआ था। वहीं सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी
2. अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान बद्रीनाथ के कपाट खोले जाते हैं। इसी दिन से भक्त भगवान नारायण के दर्शन और पूजा-अर्चना कर पाते हैं। आपको बता दें कि चार धाम की यात्रा में बद्रीनाथ अहम तीर्थस्थल होता है।
3. अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। वहीं इस दिन गलती से भी एल्युमिनियम, स्टील या प्लास्टिक के बर्तन और सामान नहीं खरीदना चाहिए। इससे घर में कंगाली आ सकती है।
4. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं।
5. अक्षय तृतीया के दिन झाड़ू खरीद कर घर लाना शुभ माना जाता है। इससे घर में लक्ष्मी जी का वास रहता है। वहीं अगर घर में टूटी झाड़ू या चप्पलें हैं तो उसे अक्षय तृतीया से पहले घर से निकाल फेंकें। ये सभी चीजें दरिद्रता की निशानी होती है।
अक्षय तृतीया 2023 कब है? (When Is Akshaya Tritiya 2023)
इस साल अक्षय तृतीया का पर्व 22 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी और विष्णु जी का पूजा का विधान। अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की विधिवत उपासना करने से भक्तों को सुख, सौभाग्य और धन का आशीर्वाद मिलता है। अक्षय तृतीया हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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