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Aja Ekadashi 2024: 28 या 29 अगस्त कब रखा जाएगा अजा एकादशी व्रत? जानें सही तिथि, पूजा विधि और पारण का समय

Aja Ekadashi 2024: अजा एकादशी का व्रत अगस्त के महीने में रखा जाएगा। लेकिन सही तिथि क्या है और इस दिन पूजा किस विधि से आपको करनी चाहिए, इसकी जानकारी पाएं हमारे लेख में।

Written By: Naveen Khantwal
Updated on: August 23, 2024 12:48 IST
Aja Ekadashi- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL Aja Ekadashi

Aja Ekadashi 2024: एकादशी के व्रत का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। हर माह में दो एकादशी तिथियां होती हैं, इसलिए साल में 24 दिन एकादशी का व्रत रखा जाता है। वर्तमान में भाद्रपद महीने का कृष्ण पक्ष चल रहा है, इस दौरान जो एकादशी आती है उसे अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। अजा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है और पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि, अगस्त के महीने में अजा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा। 

इस दिन रखा जाएगा अजा एकादशी का व्रत

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 28 अगस्त की रात्रि 1 बजकर 19 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन 29 अगस्त को की मध्य रात्रि में लगभग 1बजकर 37 मिनट पर हो जाएगा। इसलिए अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त को ही मान्य होगा, क्योंकि धार्मिक शास्त्रों में उदया तिथि की ही सही माना जाता है। 29 अगस्त को अजा एकादशी के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। इसलिए अजा एकादशी का व्रत, भक्तों के लिए अत्यंत शुभ फलदायी साबित हो सकता है। 

अजा एकादशी की पूजा विधि
अजा एकादशी की पूर्व संध्या को हल्का और सात्विक भोजन आपको करना चाहिए ताकि व्रत के दिन आप सक्रिय रह सकें। अजा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर आपको स्नान-ध्यान करना चाहिए और पूजा स्थल की भी सफाई करनी चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने आपको दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद पूजा में भगवान को फल, फूल, चंदन आदि आपको अर्पित करना चाहिए। इस दिन विष्णु पूजन के दौरान आप विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर सकते हैं। साथ ही कम से कम 11 बार "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का आपको जप करना चाहिए। इसके बाद सुबह की पूजा समाप्त करने के बाद आपको पूरे दिन व्रत रखना चाहिए, व्रत के दौरान आप एक-दो बार फलहार कर सकते हैं। इसके बाद रात्रि में भी इसी विधि से आपको विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए, हालांकि व्रत का पारण अगले दिन यानि द्वादशी तिथि में ही करना शुभ माना जाता है। 

एकादशी व्रत पारण
हर एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में करना ही सही माना जाता है। अजा एकादशी का पारण 30 अगस्त के दिन किया जाएगा। पारण से पूर्व आपको भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और उसके बाद आंवला, खीर आदि खाकर आप व्रत का पारण कर सकते हैं। 

अजा एकादशी के दिन बरतें ये सावधानियां
अजा एकादशी का व्रत अगर आप रखने वाले हैं तो आपको एक दिन पहले से ही तामसिक भोजन और अनाज का सेवन नहीं करना छोड़ देना चाहिए। व्रत के दौरान मन को शांत और पवित्र बनाए रखना चाहिए और भगवान के स्मरण में लगे रहना चाहिए। इस दिन किसी को बुरा बोलने से भी बचें और दिन के समय सोएं नहीं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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