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Ahoi Ashtami 2022: संतान की लंबी आयु के लिए इस दिन रखा जाएगा अहोई अष्टमी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

Ahoi ashtami 2022: अहोई अष्टमी का व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। इस बार यह व्रत अक्टूबर को रखा जाएगा। अहोई माता की पूजा और उपवास करने से संतान का सुख भी मिलता है।

Written By: Vineeta Mandal
Updated on: October 11, 2022 13:14 IST
ahoi ashtami 2022 - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV ahoi ashtami 2022

Highlights

  • अहोई अष्टमी को अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है
  • हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी व्रत रखा जाता है
  • अहोई अष्टमी व्रत करने से संतान की आयु लंबी होती है

Ahoi Ashtami 2022: अहोई अष्टमी का व्रत इस साल 17 अक्टूबर, 2022 को मनाया जाएगा। इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। अहोई अष्टमी का व्रत माताएं अपने बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी लंबी उम्र के लिए करती हैं। मान्यता ये भी है कि इस व्रत के प्रभाव से सूनी गोद भर जाती है यानी संतान की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी का खासा महत्व है। हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी व्रत रखा जाता है।

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अहोई अष्टमी व्रत का महत्व

अहोई अष्टमी का व्रत (Ahoi Ashtami Vrat 2022) करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले रखा जाता है। उत्तर भारत में इस व्रत का काफी महत्व है। अहोई अष्टमी को अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को निर्जला रखा जाता है।  पूजा के बाद तारों को देखकर और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत को खोला जाता है। व्रत करने वाली माएं अहोई माता से अपनी संतान की लंबी और उनके लिए खुशहाली मांगती हैं। अहोई अष्टमी व्रत करने से मन की हर मनोकामना पूरी हो जाती है।

अहोई अष्टमी शुभ मुहूर्त

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ- 17 अक्टूबर 2022, सुबह 9 बजकर 29 मिनट से शुरू 
  • अष्टमी तिथि समाप्त- 18 अक्टूबर 2022, सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक 

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अहोई अष्टमी पूजा करने का शुभ मुहूर्त

  • अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त प्रारंभ- शाम 6 बजकर 14 मिनट से शुरू
  • अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त समाप्त- शाम 7 बजकर 28 मिनट तक 
  • तारों को देखने के लिए सांझ का समय-  शाम 6 बजकर 36 मिनट पर
  • अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय -  शाम11 बजकर 24 ​मिनट पर 

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पूजा सामग्री

  • चांदी या सफेद धातु की अहोई
  • मोती की माला
  • दूध
  • भात (चावल)
  • हलवा
  • फूल
  • जल भरा हुआ कलश

अहोई अष्टमी पूजा विधि

प्रात:काल स्नान के बाद  साफ सुथरे वस्त्र धारण कर के पूजा का संकल्प ले। इसके बाद गेरू या लाल रंग सी दीवार पर अहोई माता की आकृति बनाएं। आप चाहें तो बाजा से तस्वीर भी ला सकते हैं। अब मां की प्रतिमा पर फूल अर्पित करें। इसके बाद दूध, भात और हलवा का भोग लगाएं। अहोई माता की कथा सुनने के बाद मोती की माला गले में पहनें।  रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद खुद भोजन का ग्रहण करें।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

 

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