Adhikmas 2023: 18 जुलाई 2023 से अधिक मास शुरू हो रहा है। अधिक मास को पुरुषोत्तम मास, मलमास के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में इस पुरुषोत्तम मास का बड़ा ही महत्व बताया गया है। मलमास के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करने की मनाही होती है। कहा भी गया है- यस्मिन चांद्रे न संक्रान्ति: सो अधिमासो निगह्यते तत्र मंगल कार्यानि नैव कुर्यात कदाचन्। अर्थात् जिस चंद्र मास में सूर्य की कोई भी संक्रांति नहीं होती है, उसे अधिक मास कहते हैं। इस समय किसी भी तरह के शुभ कार्य, जैसे- मुंडन, विवाह, गृहप्रवेश, नामकरण या किसी भी तरह की नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए।
मलमास का महत्व
मलमास के दौरान पूजा करने वाले लोगों को आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और उनके घर में सुख-शांति बनी रहती है। बता दें कि इस महीने में भगवान पुरुषोत्तम की उपासना करने वाले को हर प्रकार के सुख-साधनों की प्राप्ति होती है। पुरुषोत्तम मास 18 जुलाई से शुरू होकर 16 अगस्त तक रहेगा। इसके अलावा पुरुषोत्तम महीने के दौरान भगवान के इस मंत्र का भी नित्य रूप से जप करना चाहिए। मंत्र है- गोवर्धन धरं वन्दे गोपालं गोपरुपिणं। गोकुलोत्सव मीशानं गोविन्द गोपिकाप्रियं।। इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा उस व्यक्ति पर बनी रहती है और उसके सारे काम बिना किसी विघ्न के पूरे हो जाते हैं।
मलमास या अधिकमास के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
अधिक मास के दौरान शहद, चौलाई, उड़द, राई, प्याज, लहसुन, गोभी, गाजर, मूली, दाल, तिल का तेल और नागरमोथा आदि का त्याग करना चाहिए। इन सब चीजों का सेवन इस महीने के दौरान आपके द्वारा किए गए पुण्य को समाप्त कर देगा। लिहाजा अधिक मास में इन सब चीजों के सेवन से बचना चाहिए। इसले अलावा पुरुषोत्तम महीने के दौरान गेहूं, चावल, सफेद धान, मूंग, जौ, तिल, मटर, बथुआ, सामक, ककड़ी, केला, घी, कटहल, आम, पीपल, जीरा, सोंठ, इमली, सुपारी, आंवला, सेंधा नमक आदि का सेवन करना चाहिए। साथ ही अगर हो सके तो इस महीने के दौरान नीचे भूमि पर शयन करना चाहिए और केवल एक ही समय भोजन करना चाहिए।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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