चाणक्य यानि कौटिल्य भारतीय इतिहास के सबसे महान दार्शनिक, सलाहकार और शिक्षक में से एक है। उनके बताए मार्ग का पालन करने वाला इंसान जीवन में हमेशा सफल होता है। आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार पति और पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैं। यदि उनमें से एक ने भी यह गलती कर दी तो बसा बसाया घर उजड़ जाता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार परिवार की सुख-शांति पति-पत्नी के मधुर रिश्तों पर टिकी होती है। कहते हैं कि जिस घर में पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल नहीं होता वहां से लक्ष्मी का बसेरा नहीं होता। ऐसे में पति और पत्नी को इन कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। चाणक्य ने खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए कुछ सलाह दिए हैं। जिसे आज़माकर आप अपने रिश्ते को और बेहतर बना सकते हैं।
एक दूसरे की इज़्ज़त न करना
- आचार्य चाणक्य के अनुसार वो शादी कभी भी नहीं टिकती जहां लोग एक दूसरे की इज़्ज़त नहीं करते हैं। जहां इज़्ज़त नहीं होगी वहां प्यार का सवाल ही नहीं उठता है। ऐसी शादी में कोई भी खुश नहीं रहता है। इस एक गलती की वजह से दो लोग जीवन भर एक दूसरे को सम्मान नहीं दे पाते हैं। यह रिश्ता एक-दूसरे के प्रति इज़्ज़त और सम्मान पैदा करता है। अगर पति या पत्नी एक-दूजे को सम्मान नहीं देते, अपशब्द बोलते हैं, समाज में एक-दूजे की इज्जत नहीं करते, तो ऐसी शादी का कोई मतलब नहीं है।
- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जहाँ पार्टनर एक दूसरे की फ़िक्र नहीं करते हैं। इज़्ज़त नहीं करते हैं वो रिश्ता महज़ नाम भर का होता है। वहां सब कुछ होता है लेकिन प्यार नहीं। ऐसे रिश्ते में छल, कपट भरा होता है। लोग एक दूसरे को धोखा देते हैं। पति हो या पत्नी, दोनों ही यदि शादी से बाहर जाकर नाजायज़ रिश्ता बनाएं, तो शादी में दरार उसी समय पड़ जाती है।
- जब जीवनसाथी एक दूसरे का सम्मान नहीं करते हैं तब वे एक दूसरे से हर ज़रूरी बात भी छिपाते हैं। रिश्ते की नींव भरोसे पर टिकी होती है। इसलिए पति पत्नी को अपनी हर छोटी-बड़ी बात अपने जीवनसाथी से बतानी चाहिए। अगर दोनों एक दूसरे से बातें छुपाते हैं तो ये सब बातें धीरे-धीरे शादी के टूटने का कारण बनती हैं।