Highlights
- राजा या शासन प्रशासन से सीधे लड़ाई नहीं करना चाहिए
- इंसान का स्वास्थ ही उसका सबसे बड़ा धन है
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माना जाता है। आचार्य चाणक्य को धर्म, राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र आदि तमाम विषयों की गहन जानकारी थी। चाणक्य द्वारा कई शास्त्रों की रचना भी की गई जो आज भी मानव के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने अपनी नीतियों में काफी कुछ लिखा है। उनके द्वारा बताई गई हर एक नीति मनुष्य को जीवन में लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करती हैं। यदि इन बातों पर गौर किया जाए, तो व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से बचा रह सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में ऐसी चीजों के बारे में बताया हैं जो व्यक्ति को अंदर ही अंदर मार देती हैं। आइए जानते हैं।
वहीं आचार्य चाणक्य ने दोस्त और दुश्मन को परखने के लिए कई नीतियां बताई है। चाणक्य कहते हैं कि जीवन में तीन लोगों से कभी दुश्मनी मोल नहीं लेने चाहिए। इनसे बैर करने का मतलब है खुद को मुसीबत में डालना। आइए जानते हैं चाणक्य के मुताबिक किन तीन लोगों से बैर नहीं करना चाहिए।
राजा या शासन प्रशासन
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को कभी भी राजा या शासन प्रशासन से सीधे लड़ाई नहीं करना चाहिए। इससे आपकी जान को भी खतरा हो सकता है। आप किसी बड़े अधिकारी से तब तक न उलझें जब तक आप मजबूत स्थिति में न हो। इनसे बैर लेना आपको हानि पहुंचा सकता है।
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खुद के स्वास्थ
आचार्य चाणक्य कहते है इंसान का स्वास्थ ही उसका सबसे बड़ा धन है। जो व्यक्ति अपने स्वास्थ से खिलवाड़ करता है उसके प्रति ध्यान नहीं देता वो खुद को मौत के मुंह में ढकेलता है। अगर व्यक्ति पैसे को देखते हुए खुद पर ध्यान नहीं देता तो वह न पैसा पा पाता है और न ही अच्छा स्वास्थ। खान-पान को लेकर असावधानी मृत्यु के निकट ले जाती है।
बलशाली व्यक्ति
आचार्य चाणक्य कहते है कि एक बलवान व्यक्ति खुद को बलवान साबित करने के लिए किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए कभी भी ऐसे व्यक्ति से बैर नहीं लेना चाहिए। फिर चाहे वो शरीर से बलवान हो या धन से। इनसे दुश्मनी करना मतलब मौत को न्योता देना है।