Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में कई सारी बातें बताई हैं। अगर इन बातों को अपनाया जाएं तो इंसान लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ सकता है। लेकिन अगर आप इन बातों पर अमल नहीं करते हैं तो आपको असफल होने से कोई नहीं रोक सकता है, क्योंकि चाणक्य जी कि नीतियां मानव जीवन का आईना कही जाती हैं। इनके द्वारा कही गई बातें हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि वह कौन सी चीज है जो सबसे ज्यादा शक्तिशाली है। आइए जानते हैं।
श्लोक
कालः पचति भूतानि कालः संहरते प्रजाः।
कालः सुप्तेषु जागर्ति कालो हि दुरतिक्रमः॥
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि काल एक ऐसी चीज है जो प्राणियों को निगल जाता है और सृष्टि का विनाश कर देता है। यह प्राणियों के सो जाने पर भी उनमें मौजूद रहता है। चाणक्य जी कहते हैं कि ये इतना शक्तिशाली है कि कोई भी इसका सामना नहीं कर सकता है। मतलब कि संसार में एक चीज है जो सबसे ज्यादा ताकतवर है और वो चीज है काल यानी समय। इसके आगे हर एक चीज छोटी है। क्योंकि इसे हराना नामुमकिन है और हर कोई इसके सामने नतमस्तक हो जाता है।
दरअसल, इस श्लोक के जरिए चाणक्य जी कहते हैं कि समय के आगे किसी प्राणी की भी नहीं चलती है। जब किसी का काल आता है तो उसे कोई भी व्यक्ति या फिर कोई भी चीज उसे बचा नहीं सकती। इसका मतलब यह हुआ कि जब भी किसी का समय आता है तो उसके सामने हर चीज बेकार हो जाती है। समय एक ऐसी चीज है जो कभी किसी के लिए नहीं रुकता है। फिर चाहे हालात जैसी भी क्यों न हो। ये इंसानों को निगल जाता है।
आगे आचार्य चाणक्य जी कहते हैं कि सृष्टि की भी काल के आगे नहीं चलती। अगर सृष्टि का भी समय आ गया है तो वह भी क्षण भर में विनाश हो जाएगा। ठीक इसी प्रकार समय कभी भी किसी का साथ नहीं छोड़ता है। अगर कोई इंसान सो भी रहा हो तो उसका काल उसके साथ रहता है। इसलिए चाणक्य जी का कहना है कि काल के आगे किसी की भी नहीं चलती है फिर चाहे वो कितना भी शक्तिशाली ही क्यों न हो।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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