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Chanakya Niti: इन स्थानों पर रहना है सबसे बड़ी मूर्खता, खोने लगती है इंसान की इज्जत

Chanakya Niti: इन स्थानों पर रहने से व्यक्ति को हमेशा मुसीबतों का सामना करना पड़ता है और बची खुची इज्जत भी हो जाती खत्म।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Oct 04, 2022 23:30 IST, Updated : Oct 04, 2022 23:32 IST
Chanakya Niti:
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti:

Highlights

  • आचार्य चाणक्य श्रेष्ठ विद्वानों में से एक हैं
  • उनकी नीतियों का पालन आज भी लोग करते हैं
  • जिस स्थान पर नौकरी ना मिले वह स्थान रहने के लिए उचित नहीं है

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य श्रेष्ठ विद्वानों में से एक हैं। उनकी नीतियों का पालन आज भी लोग करते हैं। आचार्य चाणक्य को जीवन के विभिन्न विषयों को का भी विस्तृत ज्ञान था। चाणक्य नीति के माध्यम से आचार्य ने यह भी बताया है कि किस तरह के स्थान पर रहने से, कैसा व्यवहार करने से व्यक्ति जीवन में सफलता हासिल कर सकता है। आइए इसी विषय को चाणक्य नीति के इस भाग में जानते हैं।

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इन 5 स्थानों पर निवास करना है मुर्खता

लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता ।

पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात् तत्र संगतिम् ।।

आचार्य चाणक्य कहते हैं जिस स्थान पर नौकरी ना मिले, डर न हो, या लज्जा न आये, अगर कोई दयालु और दानी ना हो। ऐसे में व्यक्ति को इस तरह के लोगों के साथ कभी नहीं रहना चाहिए। ऐसे पांच स्थान पर रहना मनुष्य के लिए उचित नहीं है।

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इस श्लोक में आचार्य कहते हैं कि व्यक्ति को किन पांच स्थानों पर नहीं रहना चाहिए। सबसे पहले उन्होंने बताया है कि जिस स्थान पर आजीविका या नौकरी ना मिले वह स्थान रहने के लिए उचित नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां धन अर्जित करने का कोई साधन नहीं है। इसके साथ जहां लोगों को भय और लज्जा ना हो वहां भी रहना एक सज्जन व्यक्ति के लिए उचित नहीं है। क्योंकि इन परिस्थितियों में वह अपने परिवार और स्वयं को भी इसी प्रवृत्ति में ढकेलता हुए चला जाएगा। आगे आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जहां पर उदार और दान देने की प्रवृत्ति लोगों में ना हो वह स्थान भी एक मनुष्य के लिए नर्क के समान है। ऐसा इसलिए क्योंकि विपत्ति के समय आपकी मदद करने के लिए कोई आगे नहीं आएगा।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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