आचार्य चाणक्य प्राचीन भारत के उन विद्वान में से एक हैं, जिनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। अपने नीति शास्त्र में चाणक्य ने जीवन के लगभग सभी पहलुओं के बारे में कुछ न कुछ बताया है। आचार्य चाणक्य की बातों पर अगर हम आज भी अमल कर लें तो कई तरह की परेशानियों से बच सकते हैं। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में, मनुष्य के कुछ ऐसे अवगुणों की जानकारी भी दी है, जिनके होने से लाखों खूबियां होने के बावजूद भी व्यक्ति को नासमझ या मूर्ख समझा जाता है। ऐसे में आज हम भी आपको इन्हीं अवगुणों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिनके होने से आपकी खूबियों का भी कोई मोल नहीं रह जाता।
खुद का गुणगान करने वाले
अगर आप खुद की तारीफ स्वयं करते हैं तो ये आपकी खूबी नहीं आपकी कमी है। इस अवगुण के कारण समाज में आपका मान-सम्मान घटता है। चाणक्य ने नीति शास्त्र में कहा है कि, कभी भी खुद की तारीफ नहीं करनी चाहिए। यही बात रहीम जी ने अपने दोहे में भी कही है कि, 'बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोलें बोल, रहिमन हीरा कब कहे, लाख टका मेरो मोल'। इसलिए अगर आपमें कोई खूबी है तो उसका गुणगान कभी न करें।
लोगों को नीचा दिखाने वाले
चाणक्य नीति में लिखा है कि, भले ही आप कितने ही ज्ञानी क्यों न हों, लेकिन आपको कभी किसी को नीचा नहीं दिखाना चाहिए। आपका यह अवगुण दूसरों की नजर में आपको गिराता है। दूसरों को नीचा दिखाने वाले व्यक्ति को समाज के लोग मूर्ख और नासमझ समझते हैं। अक्सर देखा जाता है कि, ऐसे लोगों के सामने भले ही लोग इनकी मदद करने की बात करें लेकिन, असल में कोई भी कभी इनका साथ नहीं देता।
बिना विचारे काम करने वाले लोग
जो लोग बिना सोच-विचार के कोई काम करते हैं, उनको जीवन में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोग खुद तो मुसीबतों में फंसते ही हैं साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी परेशानी में डाल सकते हैं। अक्सर ऐसे लोगों से अन्य लोग दूरी बना लेते हैं, इनकी छवि दूसरों की नजर में नासमझ व्यक्ति की होती है। अगर आप भी बिना सोच-विचार किए कोई कार्य करते हैं तो, अपनी इस आदत को बदलने की कोशिश करें।
खुद को सबसे ज्यादा ज्ञानी मानने वाले लोग
कुछ लोग आपके आसपास भी ऐसे जरूर होंगे जो सबकुछ जानने का दाव करते हैं और खुद को सबसे बड़ा ज्ञानी मानते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार, खुद को ज्ञानी मानने वाला व्यक्ति दूसरों की नजर में मूर्ख होता है। ऐसे लोगों के पास भले ही ज्ञान हो लेकिन, उसको लेकर इनको जो अहम भाव या अहंकार होता है वो उन्हें औरों की नजर में गिरा देता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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