Highlights
- जो लोग चतुर होते हैं उनके दिल की भावनाएं खत्म हो जाती हैं।
- चतुर लोग किसी के लिए अच्छा सोचना किसी का भला करना कभी नहीं सोचते।
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माना जाता है। आचार्य चाणक्य को धर्म, राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र आदि तमाम विषयों की गहन जानकारी थी। चाणक्य द्वारा कई शास्त्रों की रचना भी की गई जो आज भी मानव के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने अपनी नीतियों में काफी कुछ लिखा है। उनके द्वारा बताई गई हर एक नीति मनुष्य को जीवन में लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करती हैं। यदि इन बातों पर गौर किया जाए, तो व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से बचा रह सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि इंसान की इन दो चीजों पर नहीं किया जा सकता भरोसा।
'जितने तुम चतुर होते जाते हो उतना ही तुम्हारा दिल मरता जाता है।' आचार्य चाणक्य
- अपनी शिक्षाओं के जरिए आचार्य चाणक्य बताते हैं कि चतुर लोगों की मनोदशा कैसी होती है। आचार्य चाणक्य ने अपने कथनों से यह बताने की कोशिश की है कि जो लोग चतुर होते हैं उनके दिल की भावनाएं खत्म हो जाती हैं। वे बेहद ही मतलबी बन जाते हैं। चतुर लोग किसी के लिए अच्छा सोचना, किसी से प्यार करना, किसी का भला करना कभी नहीं सोचते।
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- आचार्य चाणक्य कहते है कि जब किसी इंसान के अंदर चालाकी जरूरत से ज्यादा आ जाती है तो वो हर चीज में फायदा और नुकसान देखता है। उसे इस चीज से मतलब नहीं होता कि जिसके बारे में वो बुरा सोच रहा है वो अपना है या फिर पराया। वो हर किसी को एक ही तरह से ट्रीट करता है। ऐसे लोगों में ये भावना दिन पर दिन बढ़ती जाती है। इसके साथ ही पैसों के प्रति लालच भी बढ़ता जाता है। इनके लिए रिश्ते सिर्फ गिनती के होते हैं। जब इन्हें इन रिश्तों की जरूरत पड़ती है तो उनसे ये बात करते हैं वरना उनसे बात करना भी पसंद नहीं करते। फिर आपना फायदा देखते है।
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- धीरे-धीरे इस स्वभाव वाले व्यक्ति से लोग दूरी बना लेते हैं। इस तरह के लोगों के साथ कोई भी साथ नहीं पसंद करता। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जितने तुम चतुर होते जाते हो उतना ही तुम्हारा दिल मरता जाता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।