Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माना जाता है। आचार्य चाणक्य को धर्म, राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र आदि तमाम विषयों की गहन जानकारी थी। चाणक्य द्वारा कई शास्त्रों की रचना भी की गई जो आज भी मानव के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने अपनी नीतियों में काफी कुछ लिखा है। उनके द्वारा बताई गई हर एक नीति मनुष्य को जीवन में लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करती हैं। यदि इन बातों पर गौर किया जाए, तो व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से बचा रह सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि इन संकेतों से समझ जाना चाहिए की घर पर आर्थिक संकट आने वाला है।
पहला: तुलसी के पौधे का सूख जाना
तुलसी का पौधा हर एक घर में होता है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा अर्चना की जाती है और उसे शुभ माना जाता है। ऐसे में आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति के घर में तुलसी का पौधा एकाएक सूख रहा है तो ये आने वाले आर्थिक संकट का एक संकेत है।
दूसरा-घर में क्लेश होना
ये तो आपने सुना होगा कि जब एक साथ कई बर्तन होते हैं तो उनमें आवाज जरूर होती है। इसका मतलब है कि अगर घर में कई लोग हैं तो उनके बीच विचारों का मतभेद हो सकता है। लेकिन अगर उनके बीच मन-भेद हो गया तो उस घर में हमेशा झगड़ा होता रहेगा। अगर किसी के घर में हमेशा क्लेश हो रहा है तो वो भी आने वाले आर्थिक संकट का संकेत है।
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तीसरा- शीशे का बार-बार टूटना
आचार्य चाणक्य का कहना है कि कांच का बार-बार टूटना भी आर्थिक संकट का संकेत है। ये धन हानि को दर्शाता है। इसके साथ ही ये घर में आने वाली दरिद्रता का एक संकेत है।
चौथा- पूजा पाठ का ना होना
जिस घर में पूजा पाठ नहीं होता है वहां पर सुख और समृद्धि का वास नहीं होता है। वहां पर लोगों के बीच में प्यार कम हो जाता है और मतभेद ज्यादा हो जाता है। ये भी आने वाले आर्थिक संकट का एक संकेत है।
पांचवां- बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार करना
बड़े बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। अगर आप उनका सम्मान नहीं करेंगे तो उनके दिल को चोट पहुंचेगी। उनके साथ इस तरह का व्यवहार करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी भी खुश नहीं रह सकता। अगर किसी के घर में इस तरह का व्यवहार होता है तो उसके घर में सुख और समृद्धि का वास नहीं होता। इस तरह से ये भी आर्थिक संकट का एक संकेत है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।