Chanakya Niti: भारत में आचार्य चाणक्य को एक महान गुरु की श्रेणी प्राप्त है। इनके कुशल नेतृत्व की सरहना आज भी लोग करते हैं। यह महान राजनीतिज्ञ, रणनीतिकार, कूटनीतिज्ञ होने के साथ ही साथ अर्थशास्त्र के महान ज्ञाता थे। लोग आज भी परेशानियों का हल चाणक्य की नीतियों से ढूढते हैं, उनकी बताई हुई नीतियों में जीवन की हर समस्या का समाधान लोगों को आज भी मिलता है। जिसे अपनाकर लोग अपनी परेशानियों से छुटकारा पाते हैं।
जीवन में कब कौन सी विपत्ती आजाए किसी को कुछ नहीं पता है। लेकिन ऐसी विषम परिस्थिती से निपटने के लिए चाणक्य ने इस पर कुछ रामबाण इलाज के सुझाव दिए हैं। जिसका यदि काई अपने जीवन में पालन कर ले तो वह हर परेशानियों से निपट सकता है। मनुष्य को 5 आदतें अपनाने के लिए आचार्य चाणक्य सुझाव देते हैं। जो जीवन में सफलता की कूंजी की तरह कार्य करती हैं। आइए जानते हैं वो 5 आदतें कौन सी है जो चाणक्य बताते हैं।
अपनी कमजोरी न साझा करें
आचार्य चाणक्य कहते हैं व्यक्ति को कभी भी अपनी कमजोरी किसी से नहीं बतानी चाहिए। इस राज को उजागर करने से सामने वाला व्यक्ति आप पर कभी भी प्रहार कर सकता है। अगर आपनी कमजोरी बताते हैं तो कोई भी आप पर हावी हो सकता है। अपनी कमजोरी दूसरों को बताना ही आपका सबसे बड़ा शत्रु है। क्योंकि मौका पा कर कोई भी आपको किनारे कर सकता है।
अपना लक्ष्य किसी को नहीं बताना चाहिए
चाणक्य कहते हैं लक्ष्य के लिए लगे रहना उचित है परंतु आपने लक्ष्य के बारे में कभी की किसी को नहीं बताना चाहिए। नहीं तो विरोधी आपके लक्ष्य में बाधा उत्तपन्न कर सकते हैं। आपसे ईर्ष्या करने वाले लोग आपका बना बनाया काम बिगाड़ सकते हैं। इसलिए अपने लक्ष्य को शांति से पूरा करन में ही भलाई है।
आंख बंद कर न करें इन लोगों पर विश्वास
आचार्य चाणक्य अपनी नीति में सफलता का जो सबसे बड़ा रहस्य बताते हैं वह है कि जो लोग आपको दुःख में देख कर प्रसन्न रहते हैं उन पर कभी भी भरोसा न करें और न ही उनको अपने मन की काई भी बात बताएं। ऐसे लोग मौका पा कर कभी भी अपने स्वार्थ के लिए आपका अहित कर सकते हैं। ऐसे लोग धोखेबाजी करने से भी पीछे नहीं हटते। जो दूसरे के दुःख से खुश होते हैं वह विष समान खतरनाक होते हैं। इसलिए ऐसे लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
धन खर्च करते समय करें विचार
चाणक्य एक महान अर्थशास्त्री भी थे। उनकी नीति धन के मामले में भी बड़ी प्रबल थी। उन्होंने अपनी नीति में बताया है कि धन को कठिन समय के लिए जितना हो सके संचित करना चाहिए और मनुष्य को अनवाश्यक धन व्यय करने से जितना हो सके उतना बचना चाहिए। क्योंकि जीवन में सबसे ज्यादा कमजोर व्यक्ति वही है जिसके पास अथाह ज्ञान हो परंतु धन नहीं है तो वह समाज की नजर में किसी भी लायक नहीं है और वह संसार का सबसे कमजोर व्यक्ति है।
मूर्खों से कभी नहीं करें बहस
अपनी नीति में चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख व्यक्ति से विवाद नहीं करना चाहिए। इन लोगों से बहस करना मूर्खता है और इनसे उलझने का मतलब है स्वयं का नुकसान करना। इसी के साथ मूर्ख के मुह लगने से खुद की छवि धूमिल होती है और आगे चल कर यही असफलता की वजह बनती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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