Highlights
- हिंदु धर्म में अग्नि की पूजा की जाती है।
- शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले गुरु के पैर छू कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है।
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माना जाता है। आचार्य चाणक्य को धर्म, राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र आदि तमाम विषयों की गहन जानकारी थी। चाणक्य द्वारा कई शास्त्रों की रचना भी की गई जो आज भी मानव के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने अपनी नीतियों में काफी कुछ लिखा है। उनके द्वारा बताई गई हर एक नीति मनुष्य को जीवन में लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करती हैं। यदि इन बातों पर गौर किया जाए, तो व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से बचा रह सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि किन चीजों पर गलती से भी पैर नहीं लगाना चाहिए।
अग्नि
आचार्य चाणक्य के अनुसार अग्नि को काफी पैर नहीं लगाना चाहिए। बता दें हिंदु धर्म में अग्नि की पूजा की जाती है। हिंदु धर्म में शुभ कामों में अग्नि का उपयोग किया जाता है। साथ ही अग्नि को शादी के समय साक्षी मानकर वचन लिया जाता है।
आध्यात्मिक गुरु
गुरु को माता-पिता से भी बढ़कर माना गया है। गुरु का सम्मान करना हमें बचपन से सिखाया गया है। हमेशा हमें गुरु का आदर करना चाहिए और उनके पैर हमेशा छूने चाहिए। साथ ही जिसका हम सम्मान करते हैं। किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले गुरु के पैर छू कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। उन्हें पैरों से नहीं छूना चाहिए।
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बुजुर्ग
घर के या बाहर के बड़े-बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। बुजुर्गों को कभी पैर से नहीं छुना चाहिए। कहा जाता है उन्हें पैर से छुने से पाप पड़ता है। वहीं आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में बड़ो का आदर नहीं होता उस घर में सुख समृद्धि नहीं होती है। साथ ही कहा जाता है कि बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और कभी भी उन्हें कोई अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। जिस घर में बड़ों का अनादर होता है उस घर से मां लक्ष्मी भी रुठकर चली जाती हैं।
कुंवारी कन्या
कुंवारी कन्या को देवी माता का रुप मना जाता है। इसलिए उन्हें पैर नहीं लगाना चाहिए। चाणक्य नीति के अनुसार अगर गलती से पैर लग जाए तो तुरंत माफी मांग लें। ऐसा ना करने पर आप संकट में पड़ सकते है। ऐसा कहा भी जाता है कि हर घर में कम से कम एक कन्या जरूर होनी चाहिए ताकि माता-पिता को कन्यादान करने का पुण्य प्राप्त हो सके।
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ब्राह्मण
हिंदु धर्म में ब्राम्हण का बहुत महत्व बताया गया है। ब्राम्हणों को कभी भी पैर नहीं लगाना चाहिए। ब्रह्माणों या फिर साधु संतों का दर्जा भगवान के समान माना गया है। सभी शुभ कार्यों में ब्राह्मणों को भोजन करवाकर ही शुरुआत की जाती है। इसलिए हर शुभ घड़ी में उनका सम्मान किया जाता है। उन्हें पैर लगाने से व्यक्ति को पाप लगता है।अगर आपसे गलती से पैर लग गए हो तो तुरंत माफी मांग लें।
शिशु
चाणक्य की नीतिशास्त्र के अनुसार हिंदु घर्म के अनुसार शिशु को भगवान मना जाता है। कहा जाता नवजात भगवान के जैसे होते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं बच्चों को पैर नहीं लगाना चाहिए उल्टा बच्चों का पैर छूना चाहिए।
गाय
गाय को माता का रूप माना गया है। गाय के गोबर के उपले बनाकर इसे खाना बनाने में उपयोग किया गया जाता है। गाय को कभी भी पैर नहीं लगाना चाहिए। आपके द्वार पर गाय आए तो उसे कभी भी मारकर नहीं भगाना चाहिए। गाय को माता का रूप माना गया है। इसलिए गाय को रोटी खिलाना चाहिए।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।