बड़ाखेड़ा: राजस्थान के बड़ाखेड़ा के एक अस्पताल में मोमबत्ती की रोशनी में महिला का प्रसव कराया गया। दरअसल, बारिश के कारण पूरे शहर की स्थिति खराब थी। चारों ओर पानी भरा हुआ था, सड़क सम्पर्क कट चुका था और पांच दिनों से बिजली गुल थी। पूरा शहर अंधेरे के आगोश में सिमटा हुआ था। इसी बीच, बैरवा बस्ती के रहने वाले सोनू की पत्नी बिनिता को प्रसव पीड़ा होने लगी और वह उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे।
सोनू जब अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचे तो उसकी छत टपक रही थी। परिसर में पानी भरा हुआ था। बिजली गुल थी और पूरे अस्पताल में अंधेरा था। महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। वहां मौजूद नर्सिंगकर्मी एलएचवी रजिया सुल्ताना और एएनएम मीना कुमारी से यह देखा नहीं गया और उन्होंने हिम्मत से काम लेते हुए महिला की जांच की और उन्हें प्रसव कक्ष में भर्ती किया। प्रसव कक्ष की छत भी टपक रही थी।
एलएचवी रजिया सुल्ताना ने प्रसव कक्ष रोशनी के मोमबत्ती जलाई। फिर, मोमबत्ती की रोशनी में महिला का सामान्य प्रसव करवाया गया। महिला ने लड़की को जन्म हुआ। मां और बेटी, दोनों स्वस्थ हैं। रजिया सुल्ताना ने बताया कि विकट परिस्थिति थी लेकिन महिला का सामान्य प्रसव करवाया है। बेटी को मां का दूध भी पिला दिया गया है।
वहीं, बूंदी के CMHO डॉ महेंद्र त्रिपाठी ने कहा, "बड़ाखेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नर्सिंगकर्मी एलएचवी रजिया सुल्ताना और एएनएम मीना कुमारी द्वारा किया गया कार्य सहरानीय है। इन्हें चिकित्सा विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा।"
इनके अलावा बड़ाखेड़ा के चिकित्सा अधिकारी डॉ सुमित राठौर ने कहा, "मोमबत्ती के उजाले में प्रसव करवाने की जानकारी दूसरे दिन मिली। उस समय चारों ओर पानी फैल रहा था। नर्सिंग स्टाफ को ऐसे समय में ग्रामीणों की सेवा करने के लिए बधाई।"