राजस्थान में अपने दौरे के आखिरी दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरे को अपेक्षाकृत अधिक गंभीर बताते हुए बुधवार को कहा कि हमें सुधार के उपाय तत्काल करने होंगे। राष्ट्रपति पाली जिले के रोहट में 18वीं राष्ट्रीय स्काउट गाइड जम्बूरी का उद्घाटन कर रही थीं। उन्होंने कहा, ''जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरा अपेक्षाकृत अधिक गंभीर है। बढ़ते तापमान, समुद्र के स्तर और मौसम की अनिश्चितताओं का प्रभाव काफी स्पष्ट है। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, हमें सुधार के उपाय तत्काल करने होंगे।'' इस दिशा में स्काउट गाइड का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, ''आप नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने के साथ-साथ कार्बन फुटप्रिंट को कम करके, और सतत विकास व्यवहारों को बढ़ावा देते हुए जन-जागरण के इस प्रयास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।''
'युवाओं को ज़िम्मेदारी लेनी होगी'
राष्ट्रपति ने प्रतिभागियों से कहा कि हमारे यहां हिमालय से लेकर पूरे देश में फैले वनों में पौधों और जीव-जंतुओं की प्रजातियों की व्यापक विविधता उपलब्ध है। एक स्काउट और गाइड के रूप में, यह आपका कर्तव्य है कि आप लोगों को जैव विविधता की रक्षा करने, पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और जिम्मेदाराना पर्यटन व्यवहारों को बढ़ावा देने के महत्व के बारे में शिक्षित करें। मुर्मू ने देश की जनसांख्यिकी विशिष्टता की ओर इशारा करते हुए कहा, ''विश्व में आज भारत एक युवा देश माना जाता है। युवाओं की यह सभा एक मिनी यंग इंडिया का प्रतीक है। आप राष्ट्र के भविष्य निर्माता हैं। यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप भारत के भविष्य को सुंदर स्वरूप प्रदान करें।''
'राजस्थान साहस और वीरता का प्रतीक है'
राष्ट्रपति ने कहा, ''वर्ष 1956 में जयपुर में मेजबानी करने के बाद आज लगभग 66 वर्षों के अंतराल के बाद राजस्थान, राष्ट्रीय जम्बूरी की मेजबानी कर रहा है। मुझे खुशी है कि यह जम्बूरी एक ऐसी भूमि पर आयोजित हो रही है जो साहस और वीरता का प्रतीक है।''