राजस्थान में कांग्रेस सरकार के अंदर गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल में ही सचिन पायलट और उनके समर्थन में आने वाले विधायकों पर सरकार गिराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि राज्य में कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए भाजपा ने पायलट खेमे के प्रत्येक विधायक को 10 करोड़ रुपये भेजे थे। अब उनके इस आरोप पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट के झगड़े में भाजपा को दोषी ठहराना गलत है। उन्होंने कहा, "गहलोत के आरोपों में कोई दम नहीं है। हमें अब भी सचिन पायलट की जरूरत नहीं है।"
कांग्रेस के नेता के बीच झगड़े में भाजपा को कारण बनाना गलत है
पूनिया ने कहा, "ऐसा कभी नहीं होता कि किसी पार्टी को अपने डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख को बर्खास्त करना पड़े। हमने किसी को जाकर सरकार गिराने के लिए नहीं कहा। यह उनका अपना मुद्दा था। झगड़े के दौरान भाजपा को एक कारण बनाने का प्रयास किया गया है। गलती उनकी अपनी थी। गहलोत ने भाजपा को अपने बचाव के लिए आरोप का माध्यम बनाया है।" पूनिया ने आगे कहा कि राजस्थान की जनता 4 साल से परेशान है। भाजपा मुख्यालय से 'पायलट समर्थक विधायकों' को पैसा भेजने के आरोपों पर पूनिया ने कहा, "यह झूठा आरोप है।"
कोई अपनी पार्टी से अलग होना चाहता है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं -सतीश पूनिया
एक सवाल के जवाब में कि क्या भाजपा नेताओं ने पायलट और उनके समर्थक विधायकों से मुलाकात की थी, पूनिया ने कहा "हम क्यों मिलेंगे? वे हमारे विधायक नहीं थे। पायलट PCC प्रमुख थे। हमने उन्हें नहीं भेजा .. क्या कोई अपनी पार्टी से अलग होना चाहता है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं?" गहलोत हमेशा ऐसे आरोप लगाते हैं, जिनका कोई आधार और तर्क नहीं होता, उन्होंने भाजपा मुख्यालय से नकदी भेजे जाने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा। उन्होंने कहा, "यह केवल उनकी (कांग्रेस) हताशा और निराशा व्यक्त करने का एक तरीका है कि भाजपा को दोष दिया जाना चाहिए।"