जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस के दो खेमे में बंटने से उत्पन्न संकट के बीच राज्य के भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोमवार को कहा कि गठबंधन सहयोगी आरएलपी के तीन विधायकों सहित उनके पास 74 विधानसभा सदस्य हैं, लेकिन दूसरी पार्टियों के कई विधायक भाजपा से जुड़ने को तैयार हैं। पूनिया ने कहा, "राजनीतिक संकट के कारण अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन एक चीज स्पष्ट है कि गठबंधन सहयोगियों सहित हम संख्या में 75 हैं और कई अन्य विधायक हमसे जुड़ने को तैयार हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करेगी और राज्य में करवट लेती राजनीतिक स्थिति पर नजर रखते हुए अगले आदेश का इंतजार करेगी। उन्होंने कहा, "हमारी रणनीति अपनी जगह है, लेकिन हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस सत्ता में वापसी न करने पाए, क्योंकि वह लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है।" पूनिया ने आगे कहा, "हम घटनाक्रम पर नजर रखेंगे, जैसे कि सचिन पायलट को समर्थन देना, मगर यह सुनिश्चित करेंगे कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी न हो।"
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को घोषणा की थी कि गहलोत सरकार बहुमत खो चुकी है, क्योंकि 30 विधायक उन्हें समर्थन देने को तैयार हैं। अटकलें चल रही हैं कि क्या पायलट मध्यप्रदेश की तर्ज पर भाजपा में शामिल होंगे या यह भी हो सकता है कि वह तीसरा मोर्चा बनाएं, जिसे भाजपा बाहर से समर्थन दे।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा मध्यप्रदेश की राह चलने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि खेमेबाजी शुरू हो गई थी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को ज्यादा 'पावर' देना पड़ा था। भाजपा नेता ने कहा, "हम इस समय ज्यादा सावधान हैं और हालात पर नजर रखेंगे और मौके का इंतजार करेंगे।"
राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा गठबंधन के पास 75 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस गठबंधन के पास 125 विधायक हैं। कांग्रेस गठबंधन में कांग्रेस के 101, राष्ट्रीय लोक दल का 1, माकपा के 2, बीटीपी के 2 और 13 निर्दलीय शामिल हैं।