राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में आज जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष ने मुख्यमंत्री गहलोत पर पुराना बजट पढ़ने का आरोप लगाया। हंगामे के बाद गहलोत को अपना बजट भाषण रोकना पड़ा। इस बीच, मुख्यमंत्री गहलोत की इस बड़ी चूक पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने हमला बोला है। वसुंधरा राजे ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री बिन चेक किए कोई भाषण कैसे पढ़ सकता है। उन्होंने पूछा कि ऐसे सीएम के हाथ में राज्य कैसे सुरक्षित रह सकता है?
'इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ'
वसुंधरा ने कहा, "8 मिनट तक सीएम साहब पुराना बजट पढ़ते रहे। ये इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। जब मैं मुख्यमंत्री थी, तब बजट को दो-तीर बार पढ़कर चेककर अपने हाथ में लेती थी। जो मुख्यमंत्री अपने इतने बड़े डॉक्यूमेंट को बिना चेक किए हाउस में आकर पुराने बजट को पढ़ सकता है, आप समझ सकते हो कि उसके हाथ में राज्य कितना सुरक्षित है।"
'संविधान की खिल्ली उड़ाई गई'
वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौन ने गहलोत सरकार पर विधानसभा को अपमानित करने का आरोप लगाया है। राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पुराना बजट भाषण पढ़कर संविधान की खिल्ली उड़ाई गई।
विधानसभा में विपक्ष का हंगामा
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा में आज शुक्रवार को उस समय हंगामा हो गया, जब मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के विधायक, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अपने बजट भाषण में पुराने भाषण की पंक्तियां पढ़ने का आरोप लगाते हुए 'आसन के समीप' आ गए। दरअसल गहलोत ने 2023-24 का बजट सदन पटल पर रखा और भूमिका बांधने के बाद जैसे ही बजट घोषणाएं पढ़नी शुरू की विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।
विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पिछले बजट की पंक्तियां पढ़ी हैं। गहलोत ने 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' व महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) संबंधी घोषणाएं कीं जो पहले ही की जा चुकी हैं। दोनों घोषणाएं बजट 2022-23 की पहले ही की जा चुकी हैं।
हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया में तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष के व्यवहार से दुखी होकर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करते हैं। मौजूदा राज्य सरकार का यह पांचवां व आखिरी बजट है।
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