जयपुर : राजस्थान की विशेष शाखा (एसओजी) ने उदयपुर-अहमदाबाद रेल खंड के ओड़ा रेलवे पुल पर शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को विस्फोट मामले में एक किशोर सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति को भी पकड़ा है जिससे यह विस्फोट सामग्री खरीदी गई थी। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस एवं एसओजी) अशोक राठौड़ ने यहां बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि ओड़ा पुल पर हुये विस्फोट मामले में एसओजी ने धूलचंद मीणा (32), प्रकाश मीणा (18) और 17 वर्षीय एक किशोर को हिरासत में लिया है।
उन्होंने बताया कि रेलवे और हिंदुस्तान जिंक ने 1974-75 और 1980 में धूलचंद मीणा की जमीन का अधिग्रहण किया था, जिसके लिये उसको मुआवजा या नौकरी नहीं मिली । उन्होंने बताया कि इसके लिये वह लगातार कई साल से प्रयासरत था, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिलने को कारण इसने (धूलचंद ने) गुस्से में इस घटना को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि धूलचंद की जमीन का मुआवजा न मिलने के कारण उसके मन में रोष था इसी कारण उसने इस घटना को अंजाम दिया है।
अधिकारी ने बताया कि घटना के दिन प्रकाश ने बाइक चलाई और किशोर उसके साथ था। ट्रेन जाने के बाद उन्होंने दोनों रेलवे ट्रैक्स पर बमनुमा बंडल को रखा और उसमें आग लगा दी । उन्होंने बताया कि आरोपियों ने अंकुश सुवालका से विस्फोटक खरीदा था, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है ।
उल्लेखनीय है कि ओड़ा रेलवे पुल पर उदयपुर-अहमदाबाद रेल खंड पर शनिवार-रविवार की दरमियानी रात विस्फोट हुआ था। ओड़ा रेलवे पुलिस, उदयपुर के जावर माइंस पुलिस थाना क्षेत्र में आता है। स्थानीय लोगों ने देर रात विस्फोट की आवाज सुनी थी। दो युवक रविवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे थे और उन्हें विस्फोटक व क्षतिग्रस्त ट्रैक दिखा था, जिसके बाद उन्होंने रेलवे अधिकारियों और पुलिस को सूचित किया।
गौरतलब है कि यह रेल लाइन 31 अक्टूबर को शुरू की गई थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में असावरा रेलवे स्टेशन से असावरा-उदयपुर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। सोमवार को क्षतिग्रस्त ट्रैक की मरम्मत कर इस लाइन पर रेल परिचालन बहाल कर दिया गया था। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीमों ने सोमवार को विस्फोट स्थल का दौरा कर साक्ष्य जुटाए थे।
इनपुट-भाषा