जयपुर: राजस्थान पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने गुरुवार को कहा कि उदयपुर रेलवे पुल पर हाल में हुआ विस्फोट रेलवे ट्रैक के लिए भूमि अधिग्रहण के एवज में कम मुआवजा दिए जाने का विरोध करने के लिए किया गया और यह कुछ स्थानीय निवासियों की साजिश थी। एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, एक नाबालिग समेत चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसमें विस्फोटक बेचने वाला भी शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि पूछताछ के बाद और जानकारी सामने आएगी।
एक किशोर समेत तीन आरोपियों को हिरासत में लिया
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस-एसओजी) अशोक राठौर ने कहा कि 32 वर्षीय धुलचंद मीणा, 18 वर्षीय प्रकाश मीणा और एक 17 वर्षीय लड़के को हिरासत में ले लिया गया है। तीनों उदयपुर के जावर माइंस के एकलिंगपुरा के रहने वाले हैं। इन्हें विस्फोटक बेचने वाले अंकुश सुवालका को भी हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक की पूछताछ में आरोपियों ने कहा है कि उनका मकसद किसी की जान लेना नहीं था।
ट्रेन छूटने के बाद आरोपियों ने लगाए थे विस्फोटक
एडीजी राठौड़ ने बताया कि ट्रेन छूटने के बाद आरोपियों ने विस्फोटक लगाए थे, जिससे यह साफ हो गया कि लोगों को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। विस्फोटक लगाने के बाद तीनों चले गए। उन्होंने कहा कि विस्फोट के लिए विस्फोटक ढोलकी पाटी इलाके के सुवालका से लिए गए थे और केवल सरकारी तंत्र का ध्यान आकर्षित करने के लिए साजिश रची गई थी। हालांकि आरोपियों ने कहा कि उनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है।
ट्रेन गुजरने ही वाली थी कि हो गया धमाका
मामला क्या है पूरा अब आपको वह बताते हैं। अहमदाबाद से अभी हाल के दिनों में उद्घाटन हुई रेलवे लाइन से असरवा-उदयपुर एक्सप्रेस ट्रेन गुजरने ही वाली थी कि 12 नवंबर की शाम को यहां धमाका हो गया। विस्फोट स्थल उदयपुर शहर से 35 किमी दूर था। विस्फोट के तुरंत बाद, विभिन्न एजेंसियों, यानी रेलवे पुलिस, राजस्थान पुलिस और NIA की तीन टीमों को वहां भेजा गया।