Highlights
- कन्हैयालाल की हत्या में इस्तेमाल बाइक बरामद
- कन्हैयालाल के हत्यारों की बाइक का नंबर 2611
- जांच एजेंसियां इस नंबर के पीछे की कहानी और फैक्ट्स जुटाने में लगी
Udaipur Murder: उदयपुर में हुई टेलर कन्हैयालाल की हत्या से जुड़े मामले में नया खुलासा हुआ है। कन्हैयालाल का मर्डर एक सोची समझी साजिश थी और अब इस पूरे मामले में आरोपियों की जिहादी सोच का भी खुलासा हुआ है। रियाज की नफरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसकी बाइक का नंबर 2611 था। यह नंबर मुंबई आतंकी हमले की तारीख से जुड़ा है। खबरों के मुताबिक 2611 नंबर लेने के लिए रियाज ने RTO में 500 रुपये की घूस भी दी थी। इसी बाइक पर वह गौस के साथ कन्हैयालाल का मर्डर करने पहुंचा था। ऐसे में बाइक का नंबर इशारा कर रहा है कि वह मुंबई आतंकी हमले से प्रभावित थे।
हत्या के आरोपी रियाज ने 2013 में यह बाइक खरीदी थी। बताया जा रहा है कि RJ 27 AS 2611 नाम की इस बाइक से रियाज को काफी लगाव था इसलिए मर्डर करने के लिए भी इसी बाइक से गौस के साथ आया था। इसके बाद इसी बाइक से दोनों फरार हुए थे। हालांकि पुलिस ने अब बाइक को जब्त कर लिया है, लेकिन जांच एजेंसियां इस नंबर के पीछे की कहानी और फैक्ट जुटाने में लगी है। फिलहाल कोर्ट ने दोनों आरोपियों को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में भेज दिया है।
रियाज के मंसूबे की पोल खोल रहा है बाइक नंबर 2611
कन्हैयालाल की निर्मम हत्या का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। वीडियो 28 जून शाम करीब साढ़े 6 बजे का है जब रियाज और गौस ने दुकान में घुसकर कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस वीडियो में दिख रहा है कि रियाज और गौस कन्हैयालाल के कत्ल के इरादे से उसकी दकान में दाखिल हो रहे हैं। ये मर्डर से दो मिनट पहले का वीडियो है। पीली टी-शर्ट में जो लड़का दिख रहा है वो नाजिम है। वही नाजिम जिसपर कन्हैयालाल के खिलाफ साजिश करने का आरोप है जबकि काली शर्ट में नज़र आ रहे लड़के का नाम वसीम है। वीडियो में नाजिम इशारा करता है और उसके बाद रियाज और गौस कन्हैयालाल का मर्डर कर देते हैं।
वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों वहां से एक बाइक से फरार हो जाता है जिसे जांच एजेंसियों ने जब्त कर लिया है। ये बाइक रियाज के नाम पर रजिस्टर्ड है। इस बाइक के नंबर में ही रियाज के मंसूबे की पोल खोल रहा है क्योंकि इस बाइक का नंबर है 2611 है।
देखें वीडियो-
ISIS को आदर्श मानते थे रियाज और गौस
ये दोनों आरोपी ISIS को अपना आदर्श मानते थे। दोनों अक्सर ISIS और तालिबान के वीडियो देखा करते थे। ये हिन्दुओं को काफ़िर समझते है और उनके अंदर दहशत फैलाने के मकसद से ही इन्होंने जब नूपुर शर्मा के बयान के बाद देश के कई हिस्सों में पथराव हुआ था तो इनको लगा ये सबसे अच्छा मौका है अपने मजहब का हीरो बनने का। कन्हैयालाल के द्वारा नूपुर शर्मा की पोस्ट पर प्रतिक्रिया के बाद इन्होंने कन्हैया को सबसे आसान टारगेट समझा था। हालांकि इनके निशाने पर कई बड़े लोग भी थे लेकिन वो इनकी पहुंच से काफी दूर थे।
दोनों आरोपियों को नहीं है अपने किए पर कोई पछतावा
सूत्रों के मुताबिक पुलिस की हिरासत में जब इनसे पूछताछ की गई तो इनको अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। दोनों अब भी पुलिस के सामने अपने मजहब को लेकर अपने उद्देश्य को पूरा करने का दावा कर रहे है। इनका कहना है भले ही वो अपने धर्म के लिए कुर्बान हो जाएंगे लेकिन उसके बाद भी उनके ग्रुप के कई लोग है जो अब भारत को इस्लामिक देश बनाने में लगे हुए है। और आने वाले दिनों में गुस्ताखी करने वालो का अंजाम कन्हैयालाल से भी बुरा होगा।
लंबे समय से स्लीपर सेल की तरह एक्टिव थे रियाज और गौस
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक आरोपी 2014 में ट्रेन के जरिए 45 दिनों के लिए पाकिस्तान गया था जहां वो ज्यादातर उन लोगों के संपर्क में था जो अलग अलग आतंकी गुट से किसी ना किसी तरह से जुड़े हुए थे। पाकिस्तान के आकाओं के आदेश पर पिछले कई सालों से ये दोनों राजस्थान में रहते हुए स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे। पिछले काफी समय से ये अपने आकाओं से अलग अलग एप के जरिए संपर्क करते थे। इनका मकसद कन्हैयालाल की हत्या करने के बाद अजमेर जाकर खुदा के सामने उसकी शान में गुस्ताखी करने वालो को सजा देकर आने का दावा करने का था।