Highlights
- कन्हैयालाल ने की थी पुलिस सुरक्षा की मांग
- नाजिम व पांच अन्य के खिलाफ दी शिकायत
- 'मैं दुकान खोलूंगा, मुझे मारने की कोशिश करेंगे'
Udaipur Murder Case: राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार को बेरहमी से हत्या कर दिए गए कन्हैयालाल को आशंका थी कि दुकान खोलने पर उसकी हत्या कर दी जाएगी और उसने पुलिस सुरक्षा की मांग भी की थी, लेकिन पुलिस ने कन्हैया और नाजिम के बीच मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की। कन्हैया के पड़ोसी नाजिम ने 11 जून को कन्हैया के खिलाफ एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर मामला दर्ज कराया था, जिसमें दर्जी कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया गया था।
'ये लोग मेरी दुकान की रेकी कर रहे हैं'
दर्जी कन्हैया ने 15 जून को धान मंडी थाने में संपर्क किया और नाजिम व पांच अन्य के खिलाफ लिखित शिकायत दी कि वे उसकी दुकान की रेकी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नाजिम और अन्य ने सोशल मीडिया पर अपने समुदाय के समूहों में उसकी तस्वीर प्रसारित की और सभी को निर्देश दिए कि अगर कन्हैया कहीं भी दिखे या वह अपनी दुकान खोलता है, तो उसे मार दिया जाए।
'दुकान नहीं खोलने का दबाव बनाया जा रहा'
शिकायत में कन्हैया ने कहा था कि उस पर दुकान नहीं खोलने का दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने शिकायत में कहा, "नाजिम और पांच अन्य व्यक्ति मेरी दुकान की रेकी कर रहे हैं और मुझे दुकान खोलने नहीं दे रहे हैं। सुबह-शाम पांच-सात लोग मेरी दुकान में चक्कर लगा रहे हैं और मुझे पता चला है कि जैसे ही मैं दुकान खोलूंगा वे मुझे मारने की कोशिश करेंगे।"
दी गई शिकायत में कहा था कि चूंकि, नाजिम और अन्य चार पांच लोगों ने अपने समुदाय समूह में मेरा नाम और फोटो प्रसारित किया है और सभी से कहा गया है अगर यह आदमी कहीं दिखाई देता है या खरीददारी करने आता है, तो उसे मार डालो, क्योंकि उसने एक विवादास्पद पोस्ट किया है।
'फेसबुक पर अनजाने में विवादास्पद पोस्ट साझा हो गया'
कन्हैयालाल के हवाले से दी गई शिकायत में कहा गया है कि वे मुझ पर दुकान ना खोलने का दबाव बना रहे हैं और अगर मेरे द्वारा दुकान खोली गई, तो ये लोग मुझे मार डालेंगे। उन्होंने शिकायत में यह भी जिक्र किया कि फेसबुक पर अनजाने में एक विवादास्पद पोस्ट उस समय साझा हो गया, जब उनका बेटा मोबाइल फोन पर गेम खेल रहा था और उसे इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि उसे नहीं पता कि फोन कैसे चलाना है। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की और बाद में कन्हैया ने लिखित में दिया कि वह आगे की कार्रवाई नहीं चाहता है।