Highlights
- 'उदयपुर हत्या एक अमानवीय कृत्य है'
- 'यह कानून-व्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक'
- 'यह घटना दुखद और बेहद निंदनीय है'
Udaipur Murder Case: राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के मामले में हर तबके के लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। आमतौर पर लोग इस घटना को लेकर अपने गुस्से को जाहिर कर रहे हैं। वहीं, इस घटना पर मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। संगठन के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कन्हैयालाल की हत्या की निंदा की है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रेस सचिव की ओर से भेजे गए एक बयान में उन्होंने कहा, "उदयपुर हत्याकांड एक अमानवीय कृत्य है, जो कानून-व्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक है। हमारे देश में कानून है। हम हमेशा कानून को हाथ में लेने वाले के खिलाफ हैं। यह घटना दुखद, गैर-इस्लामी है और बेहद निंदनीय है। इस मामले में राज्य के कानून को उसके अनुसार काम करना चाहिए।"
नागरिकों से भावनाओं पर नियंत्रण रखने की अपील
कासमी ने सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा, "हम किसी भी धार्मिक व्यक्ति की गरिमा का अपमान करने या अपमानजनक शब्दों का उपयोग करके धर्म में विश्वास करने वालों की भावनाओं को आहत करने का कड़ा विरोध करते हैं।" साथ ही उन्होंने कहा कि हम फिर से सरकार से मांग करते हैं कि पैगंबर का अपमान करने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।"
सभी 33 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित
गौरतलब है उदयपुर में मंगलवार को उस समय तनाव हो गया, जब रियाज ने नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट करने को लेकर धारदार हथियार से कन्हैयालाल का गला काट दिया। वहीं, दूसरे शख्स गौस मोहम्मद ने इस घटना का मोबाइल फोन से वीडियो बनाया था। तनाव को देखते हुए उदयपुर के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा है, जबकि राजस्थान के सभी 33 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कल शाम गिरफ्तार कर लिया।
हत्या मामले की जांच NIA ने अपने हाथ में ले ली है
वहीं, कन्हैयालाल की हत्या मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज बुधवार को इस संबंध में केस दर्ज किया है। इससे पहले केंद्र ने उदयपुर में दर्जी की हत्या की घटना को एक आतंकवादी कृत्य मानते हुए एनआईए को मामले की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था।