Highlights
- उदयपुर हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा
- 'इस्लामी दावते' संगठन से जुड़े हैं दोनों आरोपी: सूत्र
- हत्या के बाद दोनों अजमेर दरगाह ज़ियारत के लिए जाने वाले थे: सूत्र
Udaipur Murder: उदयपुर हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। दोनों आरोपियों का 'इस्लामी दावते' संगठन से संबंध बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक उदयपुर में दिन दहाड़े गर्दन काटकर कन्हैयालाल की हत्या करने वाले दोनों आरोपी मोहम्मद रियाज़ और गौस मोहम्मद 'इस्लामी दावते' नाम के संगठन से जुड़े हुए हैं। दोनों हत्या कर अजमेर दरगाह जाने की फ़िराक़ में थे। हत्या के बाद अजमेर दरगाह ज़ियारत के लिए हुए थे रवाना बीच में पकड़े गए। दोनों अब अब पुलिस की गिरफ्त में है। सुरक्षा कारणों से दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए पुलिस उदयपुर से बाहर अज्ञात जगह लेकर गई है। इस वक्त राजस्थान में हालात काफी तनावपूर्ण है। संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। पूरे महीने के लिए राज्य के सभी जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। NIA की टीम मामले की जांच में जुटी है।
एक महीने तक धारा 144 लागू
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने सभी संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिला कलेक्टरों को प्रदेशभर में विशेष सतर्कता और चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से प्रदेशभर में आगामी 24 घण्टे के लिए इंटरनेट बंद किए जाने, सभी जिलों में आगामी एक महीने तक धारा 144 लागू कर चार लोगों से अधिक के एकत्रित होने पर रोक लगाने, पुलिस एवं प्रशासन के सभी अधिकारियों के अवकाश निरस्त करने, शांति समिति की बैठकें आयोजित करने और उदयपुर जिले में आवश्यकतानुसार कर्फ्यू लगाये जाने के निर्देश दिए हैं।
घटना का वीडियो शेयर करने पर होगी कार्रवाई
मुख्य सचिव ने सभी संभागीय आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि उदयपुर की घटना के वीडियो के मोबाइल और अन्य माध्यमों से प्रसार पर सख्ती से रोक लगाई जाए। साथ ही वीडियो को प्रसारित करने वाले लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि धर्म गुरुओं से अपील की जाए कि वे साम्प्रदायिक सौहार्द एवं शान्ति बनाये रखने में सहयोग करें।
घटना पर तेज हुई सियासत
इस घटना पर सियासत भी काफी तेज़ हो गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देश में तनाव का ताना मारकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेर रहे हैं। वहीं गहलोत सरकार की तुलना बीजेपी अब तालिबानी राज से कर रही है।