नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), जो उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन विस्फोट मामले की जांच कर रही है, उसने पाया है कि विस्फोट को अंजाम देने के लिए सुपरपावर 90 नामक इमल्शन का इस्तेमाल किया गया था। जांच एजेंसी इस घटना के पीछे ISI की भूमिका की भी जांच कर रही है। जांच एजेंसी को शक है कि आईएसआई ने विस्फोट को अंजाम देने के लिए लोकल नेटवर्क का इस्तेमाल किया होगा। इससे पहले रेलवे लाइन पर हुए विस्फोटों के कई मामलों में आईएसआई की भूमिका सामने आई थी। सूत्र ने कहा, 2014 में एक मालगाड़ी में विस्फोट हुआ था। दरभंगा में ट्रेन में आग लगा दी गई थी। गुजरात में भी एक ट्रेन में विस्फोट हुआ था। इन सभी में यह पाया गया कि आईएसआई ने उनके लोकल नेटवर्क का इस्तेमाल किया।
एनआईए के सूत्रों ने बताया कि विस्फोट में जिलेटिन पाउडर का इस्तेमाल किया गया था। विस्फोटक पदार्थों का इस्तेमाल कर इमल्शन बनाया गया, इसे सुपरपावर 90 विस्फोटक कहा जाता है। बता दें कि यह एक व्यावसायिक विस्फोटक है जिसका इस्तेमाल खनन में किया जाता है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेनी होती है।
धमाके में फ्यूज तार का भी इस्तेमाल
आतंकी लिंक के अलावा, एजेंसियां स्थानीय मुद्दों जैसे अन्य कोणों से भी मामले की जांच कर रही हैं। सूत्र ने बताया- धमाके में फ्यूज तार का भी इस्तेमाल किया गया था। हमने विस्फोट में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों को एकत्र किया है। हमें पता चला है कि ये कुछ सोलर इंडस्ट्रीज फर्म द्वारा बनाए गए थे। आरोपियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
ट्रेन गुजरने ही वाली थी कि हो गया धमाका
मामला क्या है पूरा अब आपको वह बताते हैं। अहमदाबाद से अभी हाल के दिनों में उद्घाटन हुई रेलवे लाइन से असरवा-उदयपुर एक्सप्रेस ट्रेन गुजरने ही वाली थी कि शनिवार शाम को यहां धमाका हो गया। विस्फोट स्थल उदयपुर शहर से 35 किमी दूर था। विस्फोट के तुरंत बाद, विभिन्न एजेंसियों, यानी रेलवे पुलिस, राजस्थान पुलिस और NIA की तीन टीमों को वहां भेजा गया।