राजस्थान में टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर बुधवार को उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई। इस दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने पहले SDM अमित चौधरी का पहले कॉलर पकड़ा और फिर थप्पड़ जड़ दिया। नरेश मीणा का आरोप था कि EVM मशीन पर उनका चुनाव चिन्ह हल्का दिख रहा है। इसी बात पर मीणा की एसडीएम से बहस हुई थी। इस घटना के बाद जब नरेश मीणा को पुलिस पकड़ने गई तो समरावता गांव के लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। उनपर पत्थर फेंके गए जिसके जवाब में पुलिस ने भी हवाई फायरिंग की। अब पुलिस ने भारी बल के साथ जाकर नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है।
गांव में भारी बल के साथ घुसी पुलिस
हिंसा और तनाव के माहौल के बीच ने पुलिस पूरी तैयारी के साथ गांव में घुसकर आरोपी नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस नरेश मीना को गिरफ़्तार करने के लिए भारी बल के साथ गाँव के अंदर गई है। मीडिया को गांव के अंदर जाने से रोका जा रहा था। आरोपी को गिरफ्तार कर के पुलिस अपने साथ ले जा रही है। जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तारी के दौरान नरेश मीणा के समर्थकों ने जमकर बवाल काटा है।
क्या बोला नरेश मीणा?
गिरफ्तारी से पहले फरार आरोपी नरेश मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और अपनी कहानी बताई है। नरेश मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के चेहरे पर एसडीएम को थप्पड़ मारे जाने का कोई अफसोस नहीं दिखा। नरेश मीणा ने कहा कि एसडीएम की कोई जाति नहीं होती। मैं उसे पीटता, चाहे वह किसी भी जाति का होता।उनके तौर-तरीके सुधारने का यही एकमात्र इलाज है। नरेश मीणा ने आगे कहा कि हम धैर्यपूर्वक उनके आने का इंतजार कर रहे थे। हमारे लिए भोजन की व्यवस्था नहीं की गई। मैं यहीं पर था जब मैं बेहोश हो गया और मेरे समर्थक मुझे अस्पताल ले गए। नरेश मीणा ने कहा कि मेरे समर्थक मुझे दूसरे गांव में ले गए जहां मैंने पूरी रात आराम किया। जो कुछ भी हुआ वह पुलिस द्वारा किया गया है।
ये भी पढ़ें- राजस्थान के टोंक में हिंसा: अब तक 60 लोग गिरफ्तार, आरोपी नरेश मीणा फरार
राजस्थानः टोंक में SDM थप्पड़ कांड में बड़ा बवाल, पथराव के बाद लाठीचार्ज, छोड़े गए आंसू गैस के गोले