राजस्थान में बीजेपी ने प्रचंड जीत दर्ज की है। हालांकि, राज्य में बीजेपी के कुछ ऐसे भी उम्मीवार हैं जिन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है। उनमें तीन ऐसे नेता हैं जो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा और पार्टी ने उन पर भरोसा जताकर टिकट दिया था। इसमें बाड़ी से निवर्तमान कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा शामिल हैं। बाड़ी विधानसभा सीट पर मलिंगा को बसपा के जसवंत सिंह गुर्जर से 27,424 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। गुर्जर को 1,06,060 वोट मिले और उन्हें विजेता घोषित किया गया।
बाड़ी सीट पर मलिंगा को मिली शकस्त
कांग्रेस द्वारा बाड़ी सीट के लिए टिकट की घोषणा किए जाने से कुछ समय पहले ही मलिंगा बीजेपी में शामिल हुए थे और उन्हें उम्मीदवार बनाया गया था। मलिंगा पर बाड़ी में बिजली विभाग के एक दलित इंजीनियर की पिटाई करने का आरोप है जो एक साल से बिस्तर पर है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के अनेक नेताओं व दलित संगठनों ने मलिंगा को टिकट देने की आलोचना की थी।
नागौर विधानसभा सीट पर नतीजे
इसी प्रकार कांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने भी बीजेपी में शामिल होकर नागौर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। वह अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी हरेंद्र मिर्धा से 14,620 वोटों के अंतर से हार गईं। धौलपुर सीट से 2018 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर लड़ने वाले शिवचरण सिंह कुशवाह बीजेपी में शामिल हो गए थे और उन्हें टिकट मिल गया। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी शोभारानी कुशवाह ने हराया। धौलपुर से निवर्तमान विधायक शोभारानी को पिछले साल राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ की वजह से बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था। उन्हें इस बार कांग्रेस ने टिकट दिया था। उन्होंने 16,789 वोटों के अंतर से सीट जीती।
किशनगढ़ सीट पर किसकी हुई जीत?
वहीं, किशनगढ़ सीट पर बीजपी से कांग्रेस में आए विकास चौधरी ने जीत दर्ज की। बीजेपी ने विकास को टिकट न देकर अजमेर से सांसद भागीरथ चौधरी को किशनगढ़ से मैदान में उतारा। विकास चौधरी ने निर्दलीय प्रत्याशी सुरेश टाक को 3,620 वोटों से हराया। सांसद भागीरथ तीसरे स्थान पर रहे।