जयपुर. लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को सभी राज्य सरकारों ने वापस निकालना शुरू कर दिया है। राजस्थान में भी बड़ी संख्या में प्रवासी लोग रहते हैं, जो वापस जाना चाहते हैं। इन लोगों की सकुशल वापसी को लेकर राजस्थान सरकार विभिन्न राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है, लेकिन कुछ राज्यों ने अपनी अलग गाइड लाइंस बनाई हुई हैं, जिसके आधार पर ही वो अपने प्रदेश की लोगों को वापस ले रहे हैं।
राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों से प्रदेश की सीमा तक जाने वालों से कोई भी पैसा नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के साथ मिलकर बड़ी संख्या में लोगों का उनके प्रदेश पहुंचाया है और अपने लोगों को राजस्थान वापस लाए हैं। साउथ और पूर्वोत्तर के लोगों की वापसी के लिए हम उनके राज्यों से बातकर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार अपने प्रदेश के लोगों को वापस लेने के लिए खुलकर तैयार है, लेकिन यूपी ने सिर्फ श्रमिकों और छात्रों को ही वापस लेने में हामी भरी है। बिहार ने सिर्फ छात्रों को लेकर हामी भरी है। पश्चिम बंगाल ने भी छात्रों को लेकर हामी भरी है, हम चाहते हैं कि जैसे हम खुलकर अपने लोगों को लेने के लिए तैयरा हैं, वैसे ही वो लोग भी स्वीकार करें।
डीबी गुप्ता ने आगे कहा कि हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि अब कंपनियां खुल रही हैं वापस न जाएं, इसका कुछ असर भी हुआ है। प्रदेश में 16.5 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसमें सब फंसे हुए श्रमिक नहीं हैं। इन्हें हम समझा रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ने जिद्द ठान ली है। हम ऐसे लोगों को बस में और ट्रेन में टिकट नहीं लेंगे।
जापान को दिया निवेश का निमंत्रण
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि हमारे पास सूचना आई थी कि जापान चीन से अपनी इंडस्ट्री को हटा रहा है, वो दूसरा स्थान खोज रहे हैं, इसी के मद्देनजर हमने जापानी एंबेसडर को निमंत्रण दिया है। उन्हें हमारे साथ काम करने का अनुभव भी है, अगर वो भारत में स्थान खोज रहे हैं तो राजस्थान उनके लिए अनुकूल है।
शराब के ठेकों पर सोशल डिस्टेंसिंग न होने से नाराज
डीेबी गुप्ता ने कहा कि इतने दिनों बाद शराब की दुकान खुली है और इर तरह की तस्वीर दुर्भाग्यपूर्ण है। लोग ऐसे कर रहे है जैसे मिलती ही नहीं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ तो दुकान भी बंद करेंगे और कार्रवाई भी उनके खिलाफ होगी।