
मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलियाजी में भगवान श्री सांवलिया सेठ के भंडार से 29 करोड़ 09 लाख 63 हजार 292 रुपये की रिकॉर्ड भेंट राशि निकली है। प्रतिमाह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ठाकुरजी का भंडार खोला जाता है, लेकिन इस बार होलिका रोपण होने से चतुर्दशी को ठाकुरजी का भंडार नहीं खोला गया था, जो गुरुवार को होलिका दहन के दिन डेढ़ महीने में खोला गया। भंडार से प्राप्त राशि की गणना गुरुवार को पहले चरण के रूप में की गई। पहले चरण में 07 करोड़ 55 लाख, दूसरे चरण में ठाकुरजी के भंडार से 04 करोड़ 97 लाख 20 हजार, तीसरे चरण की गणना में 04 करोड़ 72 लाख 75 हजार, चौथे चरण की गणना में 04 करोड़ 75 लाख 20 हजार और अंतिम पांचवें चरण की गणना में ठाकुरजी के भंडार से 02 करोड़ 44 लाख 79 हजार 700 रुपए की राशि प्राप्त हुई।
श्री सावंलिया सेठ को मिला रिकॉर्ड चढ़ावा
इसके अलावा भंडार दान पेटी से 350 ग्राम सोना, 67 किलो 150 ग्राम चांदी, भेंट कक्ष कार्यालय से 783 ग्राम सोना, 68 किलो 152 ग्राम चांदी के आभूषण निकले हैं। इस बार भंडारे और भेंट कक्ष से निकली राशि रिकॉर्ड मानी जा रही है। मंदिर की कार्यपालक अधिकारी और अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रभा गौतम ने बताया कि इस बार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से 29 करोड़ से ज्यादा की धनराशि और साथ ही सोने और चांदी के आभूषण भी बड़ी मात्रा में मिले हैं। उन्होंने बताया कि इस मंदिर की वैश्विक पहचान है जिसकी वजह से राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र समेत देश दुनिया के श्रृद्धालु यहां लगातार आते हैं। इसकी वजह से यहां के चढ़ावे में भी काफी वृद्धि देखने को मिल रही है।
श्री सावलियां सेठ मंदिर की खासियत?
श्री सांवलिया सेठ मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में मंडफिया में स्थित भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध धाम है। यह मंदिर अपनी आध्यात्मिक महत्ता और चमत्कारों के लिए जाना जाता है। कहानियों के अनुसार, 1840 में भोलाराम गुर्जर को स्वप्न में तीन मूर्तियों का पता चला, जो बाद में खुदाई में मिलीं। इनमें से एक मूर्ति मंडफिया में स्थापित की गई, जिसे सांवलिया सेठ के नाम से पूजा जाता है। मंदिर की खासियत इसकी भव्य वास्तुकला और काले पत्थर की सांवली मूर्ति है, जो कृष्ण के रूप को दर्शाती है। यहां हर माह चतुर्दशी को भंडार खोला जाता है, जिसमें करोड़ों रुपये, सोना-चांदी निकलते हैं। भक्तों की मान्यता है कि सांवलिया सेठ व्यापार में समृद्धि देते हैं, इसलिए उन्हें "बिजनेस पार्टनर" भी कहा जाता है। मीरा बाई से जुड़ी कथा और वैष्णव भक्ति इसे और खास बनाती है।